ट्रेन में एसी का सफर होगा सस्ता, 8 फीसदी कम होगा AC3 इकोनॉमी किराया

अब लोगों को एसी ट्रेन में सस्ती दर पर यात्रा करने की सुविधा मिलेगी. दरअसल, एसी3 इकोनॉमी क्लास के डिब्बों में यात्रा सामान्य एसी3 टियर कोचों की तुलना में सस्ती होगी.

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अब लोगों को एसी ट्रेन में सस्ती दर पर यात्रा करने की सुविधा मिलेगी. दरअसल, एसी3 इकोनॉमी क्लास के डिब्बों में यात्रा सामान्य एसी3 टियर कोचों की तुलना में सस्ती होगी. भारतीय रेलवे ने नई एसी-3 इकोनॉमी क्लास का किराया तय कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक इसका किराया एसी-3 क्लास के किराए से करीब 8 फीसदी कम होगा.

गरीब रथ ट्रेनों में एसी3 इकोनॉमी कोच भी लगाए जाएंगे

एसी3 इकोनॉमी क्लास के डिब्बों में कुछ खास सुविधाएं रखी गई हैं. रेलवे ट्रेनों में ऐसे कोच लगाने जा रहा है. इसके लिए ट्रेनों से स्लीपर क्लास के कोच कम किए जाएंगे। भविष्य में गरीब रथ ट्रेनों में एसी-3 इकोनॉमी कोच का ही इस्तेमाल किया जाएगा. इसका मकसद स्लीपर क्लास के यात्रियों को कम किराए में एसी क्लास में सफर करने का मौका देना है. वर्तमान में कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में एसी3 इकोनॉमी क्लास के 50 कोच बनाए जा चुके हैं.  इन कोचों को देश भर के अलग-अलग रेलवे जोन में भेजा गया है. अभी इन्हें अलग-अलग ट्रेनों में लगाने की योजना तैयार की जा रही है. रेलवे इस साल एसी-3 इकोनॉमी के 800 कोच तैयार करने जा रहा है. इनमें से 300 कोच इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में, 285 मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली में और 177 रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाए जाएंगे.

एसी3 क्लास से ही रेलवे को फायदा

सूत्रों के मुताबिक रेलवे को एसी3 क्लास का ही फायदा है. आमतौर पर रेलवे को एसी3 क्लास से 7 फीसदी का फायदा मिलता है. उपनगरीय ट्रेनों में 64 प्रतिशत जबकि गैर उपनगरीय ट्रेनों के डिब्बों में 40 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. वहीं, एसी 1 पर करीब 24 फीसदी, एसी 2 पर करीब 27 फीसदी, स्लीपर क्लास से करीब 34 फीसदी और चेयर कार से करीब 16 फीसदी का नुकसान हो रहा है. यानी एसी थ्री क्लास के यात्रियों को ले जाने में ही रेलवे को फायदा होता है, ऐसे में एसी-3 कोच बढ़ाने से इसका नुकसान कम होगा.

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