Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती का निधन, आज दी जाएगी समाधी

द्वारका शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती का लंबी बीमारी के बाद रविवार को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में निधन हो गया.

Advertisement
Instafeed.org

By विपिन यादव | खबरें - 12 September 2022

द्वारका शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती का लंबी बीमारी के बाद रविवार को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में निधन हो गया. वह 99 वर्ष के थे. उनके निधन की जानकारी उनके शिष्य ने दी है. सोमवार को लगभग 4 बजे तक उन्हें समाधी दी जाएगी. वह नरसिंहपुर के गंगा आश्रम में ही रहते थे. स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती दो मठों द्वारका की शारदा पीठ और ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य थे. शंकराचार्य ने 2 सितम्बर को अपना 99वां जन्मदिन मनाया था. शंकराचार्य के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने शोक जताया है.

मध्य प्रदेश में जन्म, काशी में वेद- वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा

शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती का जन्म 2सितम्बर 1924 को मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में हुआ था. उनके बचपन  का नाम पोथीराम उपाध्याय था. उन्होंने 9 साल की उम्र से ही अपना घर छोड़ कर धर्म यात्राएं प्रारम्भ कर दी थी. धर्म यात्रा के दौरान पोथीराम काशी पहुंचे और वहां पर उन्होंने ब्रम्हलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज से वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली. स्वामी स्वरुपानंद ने राम मंदिर के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी. वह स्वतंत्रता संग्राम  के लड़ाई में जेल भी गए थे.

दो मठों के शंकराचार्य थे स्वामी स्वरूपानंद

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य थे. शंकराचार्य का पद हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है, हिंदुओं का मार्गदर्शन एवं भगवत् प्राप्ति के साधन आदि विषयों में हिंदुओं को आदेश देने के विशेष अधिकार शंकराचार्यों को प्राप्त होते हैं. हिन्दू धर्म में शंकराचार्य की विशेष मान्यता होती है. 

प्रमुख शिष्य होंगे उत्तराधिकारी 

जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रमुख शिष्य दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती व अविमुक्तेश्वरानंद हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इन्हें महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जा सकता है. यह जानकारी शंकराचार्य आश्रम, परमहंसी गंगा क्षेत्र, झोतेश्वर के पंडित सोहन शास्त्री ने दी है. 

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.