हद हो गई: पीठ पर 80 साल की मां को इलाज के लिए लेकर घूमता रहा बेटा, नहीं मिली व्हील चेयर

यूपी के एक अस्पताल का ऐसा केस सामने आया है, जिसमें एक 80 साल की बुजुर्ग को व्हील चेयर का सहारा तक नहीं दिया गया. यहां पढ़िए क्या है पूरा मामला.

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कोरोना वायरस जैसी घातक महामारी के बीच अस्पतालों की लापरवाही के मामले काफी ज्यादा आते हुए नजर आ रहे हैं. जहां बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का एक बेहद गजब का मामला सामने आया है. वहां के कर्मियों ने जिंदा मरीज का न सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट दे दिया, बल्कि परिजनों को दूसरे मृत मरीज की बॉडी भी सौंप दी. वही, अब उत्तरप्रदेश के कन्नौज जिला अस्पताल में लापरवाही की एक तस्वीर देखने को मिली है. दरअसल वहां इलाज के लिए पहुंची एक 80 साल की महिला बिना व्हील चेयर के घूमती रही. उनका बेटा  उन्हें पीठ पर लादकर घूमता रहा, लेकिन सुविधा के नाम पर क्या मिला सिर्फ झूठी बातें. 

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इस मामले में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक मां को पीठ पर लादकर जांच के लिए इधर-उधर से घूम रहे मां बेटे को देखकर भी कर्मचारियों ने उन्हें नजरअंदाज करने का ही काम किया. ऐसा कहा जा रहा है कि रामविलास की 80 साल की मां शांति देवी की सेहत कई दिनों से खराब चल रही थी. ऐसे में वह इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल में पहुंचा था.

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इस स्थिति को लेकर अस्पताल में कई लोगों के कहने के बाद भी व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं की गई. दूसरी ओर सीएमएस डॉ. शक्ति बसु का कहना है कि इमरजेंसी के लिए एक व्हील चेयर हमेशा से ही उपलब्ध रहती है. युवक की  जानकारी के मुताबिक अभाव में इमरजेंसी में नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि संबंधित स्टाफ की मदद क्यों नहीं की इस मामले की जांच कराई जाएगी.

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