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एआई के गॉडफादर ने गूगल छोड़कर दिया शॉक, बोले- इसे बनाना सबसे बड़ी गलती है?

2012 में टोरंटो विश्वविद्यालय में हिंटन और उनके दो ग्रेजुएट स्टूडेंट्स ने ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई जो एआई सिस्टम के लिए इंटेलेक्चुअल फाउंडेशन बन गई।

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By FARHEEN NAAZ | व्यापार - 02 May 2023

बिजनेस की दुनिया में एक बड़ी जानकारी इस वक्त सामने आ रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गॉड फादर ज्यॉफ्रे हिंटन ने टेक कंपनी गूगल से इस्तीफा दे दिया है। एआई के डेवलप करने वाले शुरुआती लोगों में से एक रहे हिंटन। 2012 में, टोरंटो विश्वविद्यालय में हिंटन और उनके दो ग्रेजुएट स्टूडेंट्स ने ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई जो एआई सिस्टम के लिए इंटेलेक्चुअल फाउंडेशन बन गई।

अब हिंटन उन आलोचकों का हिस्सा हो बन चुके हैं, जिनका ये मानना है कि टेक कंपनियां जेनेरिक एआई पर बेस्ड प्रोडक्टर बनाने में अपना आक्रामक अभियान के साथ खतरे की ओर भाग रही है। एक इंटरव्यू के हवाले से हिंटन ने कहा कि एक दशक से ज्यादा तक नौकरी करने के बाद उन्होंने गूगल का साथ छोड़ दिया है। वह अब एआई के जोखिमों के बारे में स्वतंत्र रुप से बोल सकते हैं। हिंटन एआई के खतरों को लेकर और भी कई बड़े खुलासे कर सकते हैं। इतना ही नहीं हिंटन ने एआई बनाने पर पछतावा भी जताया। हालांकि वे खुद को तसल्ली देते हैं कि यदि मैं ऐसा न करता तो कोई और करता।

नौकरी छोड़ने की बताई वजह 

जेफ्री हिंटन ने एआई के उपयोग को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा,' ऐसे टूल आने के बाद गलत इनफॉर्मेंशन का चलन तेजी से बढ़ने वाला है। ऐसे में कोई भी ये नहीं बता पाएगा कि आखिर सच क्या है। इसके साथ ही यह भी एक चुनौती होगी कि गलत लोगों को एआई के बुरे इस्तेमाल से कैसे रोका जाए। यहां तक की हिंटन ने अपने नौकरी छोड़ने की वजह से भी ट्विटर के जरिए बताई। उन्होंने कहा,' मैंने यह जॉब इसीलिए छोड़ी ताकि एआई के जोखिमों के बारे में खुलकर बात कर सकूं। साथ ही इसका असर गूगल पर भी न पड़ें। गूगल ने बहुत जिम्मेदारी से काम लिया है।

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