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मंगलवार का दिन वैश्विक शेयर बाजारों के लिए बेहद बुरा साबित हुआ। डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के बाद अमेरिकी और एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। इस बयान के बाद डाओ जोंस 900 अंकों की भारी गिरावट के साथ चार महीने के निचले स्तर पर आ गया, जबकि नैस्डैक में ढाई साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
नैस्डैक सवा सात सौ अंक टूटकर छह महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ, वहीं GIFT निफ्टी 200 अंक गिरकर 22,300 तक आ गया और डाओ फ्यूचर्स भी 200 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड करता दिखा। जापान के निक्केई इंडेक्स में 1,000 अंकों की भारी गिरावट देखी गई। भारतीय शेयर बाजार भी इस मंदी की चपेट में आ गया, जहां सेंसेक्स लगभग 400 अंक और निफ्टी करीब 100 अंक गिरा।
क्या कहा डोनाल्ड ट्रंप ने, जिससे बाजार में मचा हड़कंप?
रविवार को फॉक्स न्यूज के शो "संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स विद मारिया बार्टिरोमो" में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को "बड़े बदलाव के दौर" से गुजरने की बात कही और मंदी की संभावना से इनकार नहीं किया।
इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इस साल आर्थिक मंदी की उम्मीद है, तो ट्रंप ने जवाब दिया, "मैं भविष्यवाणियां करना पसंद नहीं करता, लेकिन हम जो कर रहे हैं, वह बहुत बड़ा है, इसलिए यह एक बदलाव का दौर हो सकता है।"
सीएनएन से बातचीत में अमेरिप्राइज फाइनेंशियल के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट एंथनी सग्लिमबेन ने कहा कि ट्रंप के बयान ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी, क्योंकि उन्होंने मंदी की आशंका को पूरी तरह खारिज नहीं किया।
इन शेयरों में दिखी बड़ी गिरावट
अमेरिका और एशिया के शेयर बाजारों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा। सेंसेक्स के 30 में से 21 स्टॉक्स और निफ्टी के 50 में से 33 स्टॉक्स गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। प्रमुख कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट इस प्रकार है:
- इंडसइंड बैंक: 15% की भारी गिरावट
- इंफोसिस: 3.14% की गिरावट
- महिंद्रा एंड महिंद्रा: 3.03% की गिरावट
- जोमैटो: 2.13% की गिरावट
- बजाज फिनसर्व: 1.62% की गिरावट
- टेक महिंद्रा: 1.07% की गिरावट
निवेशकों को हुआ लाखों करोड़ का नुकसान
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपये घटकर 390.91 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जो पिछले कारोबारी सत्र में 393.85 लाख करोड़ रुपये था।
शेयर बाजार में गिरावट की ये हैं मुख्य वजहें
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मंदी की आशंका:
डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद वैश्विक बाजारों में मंदी की आशंका बढ़ गई है, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ। -
विदेशी निवेशकों की बिकवाली:
भारतीय बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा भारी बिकवाली की जा रही है। फरवरी 2025 तक FIIs ने लगभग 1.33 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है, जिससे बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा है। -
अमेरिकी टैरिफ नीतियां:
ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। उनके टैरिफ प्रस्तावों ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है, जिससे स्टॉक मार्केट में बिकवाली बढ़ गई है। -
बैंकिंग सेक्टर की कमजोरी:
भारतीय बैंकों के कमजोर तिमाही नतीजों की संभावना से बाजार में नकारात्मक माहौल बना हुआ है। बैंकिंग सेक्टर का Nifty 50 में महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए इसकी कमजोरी पूरे बाजार को प्रभावित कर रही है। -
कमजोर ग्लोबल संकेत:
अमेरिकी बाजार में गिरावट और जापान, चीन, यूरोप के बाजारों में कमजोरी के कारण भारतीय शेयर बाजार पर भी दबाव बना हुआ है।
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक स्तर पर कोई सकारात्मक संकेत नहीं आता, तो भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, बाजार विश्लेषकों का कहना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इस गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखना चाहिए।
सरकार और केंद्रीय बैंक बाजार की स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और सोच-समझकर निवेश के फैसले लेने चाहिए।




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