सोने के आभूषणों को कीमत और धार्मिक दृष्टि से सबसे ऊपर माना जाता है. शादियों, रीति-रिवाजों आदि में सोने के आभूषणों को शुभ माना जाता है. वहीं, हर त्योहार में सोने के आभूषण पहने जाते हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार सोने से बने गहने कमर के नीचे नहीं पहने जाते हैं. कमर के नीचे सोने के आभूषण पहनने से कई तरह की परेशानी होती है. आइए जानते हैं कमर के नीचे सोने के आभूषण पहनने से क्या नुकसान होते हैं?
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पैरों में नहीं पहने जाते सोने के आभूषण
सोने के गहनों का प्रभाव गर्म होता है और चांदी में शीतलता होती है. आयुर्वेद के अनुसार मानव का सिर ठंडा और पैर गर्म रहना चाहिए. इसलिए सिर पर सोने के आभूषण और पैरों में चांदी के आभूषण धारण करने चाहिए. सिर से उत्पन्न ऊर्जा पैरों में जाएगी और चांदी से उत्पन्न शीतलता सिर में जाएगी, इससे सिर ठंडा रहेगा और पैर गर्म रहेंगे. चांदी की पायल पहनने से पीठ, एड़ी, घुटने के दर्द और हिस्टीरिया में आराम मिलता है.
सोने के आभूषण कमर के नीचे नहीं पहने जाते
मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि सोने के आभूषण कमर के नीचे नहीं पहनने चाहिए. इसी कारण कमर के ऊपर सोने के आभूषण और कमर के नीचे चांदी के आभूषण पहनने से शरीर का तापमान ठीक रहता है. इससे शरीर में कई तरह के रोग नहीं होते हैं.जबकि सिर्फ सोने के आभूषण पहनने से शरीर में उतनी ही ऊर्जा का संचार होता रहता है. इससे शरीर में अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं.
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धार्मिक कारण
भगवान विष्णु को सोना बहुत प्रिय है, क्योंकि सोना लक्ष्मी का रूप है, पैरों में सोने के आभूषण जैसे पायल, बिछुआ आदि धारण करने से भगवान विष्णु और अन्य देवताओं का अपमान होता है.चूंकि सोना लक्ष्मी का रूप है, इसलिए भगवान विष्णु इसे कमर के नीचे धारण करके लक्ष्मी का अपमान मानते हैं और कमर के नीचे सोने के आभूषण पहनने से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं. भगवान विष्णु की अप्रसन्नता के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं. धीरे-धीरे लक्ष्मी चली जाती है. नतीजतन, परिवार दिवालिया हो जाता है.
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