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कर्नाटक में डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी: जनता पर बढ़ा बोझ, विपक्ष ने सरकार को घेरा
कर्नाटक सरकार ने राज्य के लोगों को एक बड़ा झटका देते हुए डीजल पर बिक्री कर (KST) को 3% तक बढ़ा दिया है, जिससे राज्य में डीजल की कीमतों में ₹2 प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है। यह वृद्धि 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गई है।
डीजल पर बढ़ा टैक्स, पेट्रोल के दाम स्थिर
सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार, डीजल पर कर्नाटक सेल्स टैक्स (KST) को 18.4% से बढ़ाकर 21.17% कर दिया गया है। इससे पहले कर्नाटक में डीजल की कीमत ₹88.99 प्रति लीटर थी, जो अब बढ़कर ₹91.02 प्रति लीटर हो गई है। हालांकि, पेट्रोल की कीमत ₹102.99 प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई है।
पड़ोसी राज्यों से अब भी सस्ता डीजल
सरकार ने तर्क दिया है कि इस वृद्धि के बावजूद कर्नाटक में डीजल की कीमतें पड़ोसी राज्यों से कम हैं।
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तमिलनाडु (होसुर) – ₹94.42 प्रति लीटर
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केरल (कासरगोड) – ₹95.66 प्रति लीटर
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आंध्र प्रदेश (अनंतपुर) – ₹97.35 प्रति लीटर
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तेलंगाना (हैदराबाद) – ₹95.70 प्रति लीटर
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महाराष्ट्र (कागल) – ₹91.07 प्रति लीटर
विपक्ष ने सरकार को घेरा, जनता पर बोझ बढ़ने का आरोप
राज्य में डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर विपक्षी दलों ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। विपक्ष के नेता आर. अशोक ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार पर लगातार टैक्स बढ़ाने और जनता पर आर्थिक बोझ डालने का आरोप लगाया।
एच. डी. कुमारस्वामी का कांग्रेस पर तीखा हमला
केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने इसे "मूल्य वृद्धि दानव" बताते हुए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा,
"कांग्रेस सरकार जनता का खून चूस रही है। अब तो कूड़े पर भी उपकर (tax) लगाया जा रहा है। यह सरकार ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह काम कर रही है।"
राज्य सरकार का बचाव
कर्नाटक सरकार ने अपनी सफाई में कहा है कि डीजल पर बिक्री कर पहले 24% था, जिसे पिछले साल घटाकर 18.4% किया गया था। अब इसे 21.17% करने का फैसला राजस्व घाटे की भरपाई के लिए लिया गया है।
क्या आगे पेट्रोल के दाम भी बढ़ सकते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार भविष्य में पेट्रोल पर भी टैक्स बढ़ाने पर विचार कर सकती है, जिससे डीजल के बाद पेट्रोल की कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है।
डीजल पर कर बढ़ाने से परिवहन लागत बढ़ेगी, जिससे खाद्य पदार्थों और अन्य जरूरी सामानों की कीमतों में इजाफा होने की संभावना है। सरकार के इस फैसले से आम जनता को बड़ा झटका लगा है, जबकि विपक्ष इसे जनविरोधी निर्णय करार दे रहा है।




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