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एक माँ जिसने अपने बेटे को नहीं मरवाया होता तो शायद नहीं होता महाराणा प्रताप के पिता उदयसिंह का जन्म। एक माँ जिसने अपने बेटे को कुर्बान करके इतिहास रच दिया… हम बात कर रहे हैं माता पन्ना जी की.. कहा जाता है कि एक रात बनवीर रात को उदयसिंह को मारने महल में पहुंचा तो माता पन्ना जी ने उदयसिंह को सुरक्षित स्थान पर सुला दिया और उदयसिंह के पलंग पर अपने पुत्र चंदन को सुला दिया. इसके बाद बनवीर ने उदयसिंह के स्थान पर माता पन्ना जी के बेटे चंदन को मार दिया. छाती पर पत्थर रख, उस मां ने अपने कलेजे के टुकड़े चंदन का दाह संस्कार किया. अपने बेटे का त्याग करते हुए माता पन्ना जी ने मातृभूमि के लिए अपने राजा को बचा लिया. आज भी माता पन्ना जी का बलिदान हमें सिखाता है — देश पहले, खुद बाद में।




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