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ब्रह्मास्त्र की कहानी ने लोगों को किया निराश

तमाम बाधाओं से जद्दोजहद करते हुए आखिर ब्रह्मास्त्र फिल्म सिनेमा घरों में रिलीज हो गई है. यह फिल्म आयान मुखर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित है. इस फिल्म को बनाने में करीब दस साल लगे हैं. अयान ने इस फिल्म को तीन हिस्सों में बनाने की बात कही है.

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By विपिन यादव | मनोरंजन - 09 September 2022

ब्रह्मास्त्र फिल्म को देखने का अगर प्लान बना रहें है तो इसके रिव्यू पर पहले नजर डाल लीजिए. तमाम बाधाओं से जद्दोजहद करते हुए आखिर फिल्म ब्रह्मास्त्र सिनेमा घरों में रिलीज हो गई है. यह फिल्म आयान मुखर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित है. इस फिल्म को बनाने में करीब दस साल लगे हैं. अयान ने इस फिल्म को तीन हिस्सों में बनाने की बात कही है इसे बनाने में करीब 400 करोड़ की लागत आई है. 

फिल्म के किरदार

इस फिल्म के किरदार की बात करें तो फिल्म में एक लड़का है उसका नाम शिव है. शिव का रोल रणवीर कपूर ने किया है. इसमें ईशा का रोल कर रही आलिया भट्ट भी हैं. गुरु रघु के रुप में अमिताभ बच्चन हैं. शाहरुख और नागार्जुन का रोल छोटा है लेकिन अहम रोल है. इसके अलावा मौनी रॉय और सौरव गुर्जर पूरी फिल्म में दिखते हैं. दोनों एंटी- हिरो कैरेक्टर हैं. इस फिल्म में 3 जगहों पर डिम्पल कपाड़िया भी दिखाई देती हैं.

पूरी कहानी

दरअसल इस फिल्म का हिरो शिव होता है लेकिन उसे पता नहीं है कि वह हिरो है. दशहरा और दीवाली के बीच हुई कुछ घटनाओं के चलते शिव को खुद के ऊपर शक होता है कि उसके पास कुछ ऐसी शक्तियां हैं. जो उसे योद्धा बना सकती है. लेकिन यह युद्ध किससे होगा? यह आगे की कहानी में समझेंगे. यह युद्ध होगा एक बलशाली नेगेटिव कैरेक्टर के खिलाफ जिसके आदमी दुनिया में घूम-घूम कर ब्रह्मास्त्र को हासिल करने की कोशिश कर रहे होते हैं. वह जिस ब्रह्मास्त्र को हासिल करना चाहते है. वह तीन भागों में बंटा हुआ है. और उसे एक जगह लाकर जोड़ना है. इस फिल्म में तीन हिस्सों में बंटे ब्रह्मास्त्र की रक्षा करने की कहानी है.

इस फिल्म की शुरुआत थ्रिलिंग है और आप एक यही देखकर अच्छी फास्ट-पेस वाली सुपर- हीरो कहानी की अपेक्षा करने लग जाते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. इसके बाद फिल्म में प्रेम कथा शुरु हो जाती है. ऐसा लगता है कि एक छोटे देश जितनी जनसंख्या हीरो के पीछे नाचती है. इस फिल्म में हीरो को हीरो दिखाने में इतनी ज्यादा मेहनत कर दी गई है कि दशहरा पंडाल की साज-सज्जा,भीड़, म्यूजिक और एम्बियेंस देखकर कोल्डप्ले, एड शीरन वगैरह शर्मिंदा हो जायें और ये पूरी फिल्म में रहा है. इस फिल्म में काम की बात 30 से 35 प्रतिशत ही है. वहां तक पहुंचने में जिस क्रम में टार्चर से गुजरना पड़ता है वह बहुत ही अमानवीय है. फिल्म में शिवा और ईशा की प्रेम कहानी सहज नहीं है बल्कि जबरदस्ती थोपी जैसी लगाती है.

इस फिल्म के डायलॉग अझेल हैं. फिर वो चाहे शिव का लाईट एक ऐसी रोशनी है जो..' ईशा का अलग-अलग मौकों पर कहना कौन हो तुम? इस फिल्म में रणवीर और आलिया को जिस तरह से मिलते हुए, दोस्ती बढ़ाते हुए दिखाया गया है. वह बिल्कुल भी अपचनीय है. वहीं दूसरी सिचुएशन के साथ 'तुम अमीर हो' और 'भरोसा करना आता है?' और मेरे बिना तुम ठीक से रह लोगे? टाइप्स डायलॉग कतई नहीं सहे जाते हैं. इस फिल्म में कई जगह पर 'विलेन' और हीरो के बीच संवाद बेहद ही बचकानी लगता है.

ऐसा बताया गया है कि फिल्म के गाने कहानी पर ब्रेक लगाते हैं. कुछ फिल्मकार हैं जो इस बीमारी से निकल रहे हैं. जहां हीरो-हीरोइन के गानों में अनिवार्य रुप से नाचना ही होता है. ब्रह्मास्त्र फिल्म में जब दुनिया नष्ट हो रही थी तो अरिजीत सिंह की आवाज में केसरिया का एक वर्जन चल रहा था. लोग जितना इस आवाज और वर्जन से नाखुश हैं तो वहीं इस गाने का बैकग्राउंड म्यूजिक बहुत अच्छा है. इस गाने के पीछे अंग्रेजी कम्पोजर साइमन फ्रैन्गलेन का हाथ है. जहां- जहां मौका लग पाया है यह बैकग्राउंड म्यूजिक ने  रोमांच पैदा करने में अच्छा काम किया है.  वहीं अगर इस फिल्म के विजुअल इफेक्ट्स की बात करें तो इसमें विजुअल इफेक्ट्स का काम अच्छा है. हिन्दी फिल्मों में जहां ग्राफिक्स का काम बहुत कम देखने को मिलता है वहीं इस फिल्म में अब तक का सबसे अच्छा ग्राफिक्स देखने को मिला है. 

ब्रह्मास्त्र अस्त्रवर्स की पहली किस्त है. लेकिन इस फिल्म ने निराश किया. इस फिल्म में कुछ भी ऐसा नही देखने को मिलेगा जो नया हो या फिर जनता ने पहले कभी न देखा हो. ऐसे कैरेक्टर्स, ऐसी कहानियां, ऐसे एक्शन सीक्वेंस ,ऐसी परिस्थितियां आदि ये सब ओटीटी पर जनता सालों से देख रही है. जो इस फिल्म में दिखाया गया है इससे पहले भी आप मार्वेल, हैरी पॉटर ,और डीसी जैसी सीरीज में देख चुके हैं. इस फिल्म में अगर कुछ नया लगता है तो वह है पैराणिक नाम का आ जाना. यानी नाम नया है चीज वही पुरानी है. लेकिन शोरुम  को जगमग रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है.  

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