रजनीकांत समेत इन सितारों ने भी बनाई राजनीति से दूरी, एक एक्टर का हुआ था फिल्मी करियर बर्बाद

राजनीति की दुनिया में कदम रखना और उसमें दबदबा बनाना इतना आसान नहीं होता है। कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद लोग इस मु

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राजनीति की दुनिया में कदम रखना और उसमें दबदबा बनाना इतना आसान नहीं होता है। कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद लोग इस मुकाम पर पहुंचते हैं। वही, बॉलीवुड और राजनीति के बीच एक बेहद ही गहरा संबंध देखने को मिला है। जहां कुछ फिल्म राजनीति की दुनिया पर आधारित होती है तो कुछ एक्टर्स राजनीति की दुनिया में कदम रखने वाले होते हैं। लेकिन कई बार कुछ कलाकारों को ये बात समझ में आ जाती है कि राजनीति उनके बस की बात नहीं है और वो खुद को इससे दूर कर लेते हैं। उन्हीं में से एक हाल ही में साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत नजर आए हैं।

रजनीकांत  

दरसअल कुछ वक्त पहले रजनीकांत ने इस बात का ऐलान किया था कि वो अपनी खुद की पार्टी लॉन्च करने वाले हैं। लेकिन शूटिंग के वक्त उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जैसे ही वो अस्पताल से बाहर आए तो उन्होंने ऐलान किया कि वो राजनीति का हिस्सा नहीं बन रहे हैं लेकिन जनताहित में वो हमेशा लगे रहेंगे।

राजेश खन्ना

राजेश खन्ना ने भी राजनीति की दुनिया में कदम रखा था और वो इसमें सफल भी हुए। उन्होंने 1992 में एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा को जबरदस्त मात दी थी। लेकिन मेंबर ऑफ लोकसभा रहते हुए अपने राजनीति करियर पर रोक लगा दी। वो कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखते थे।

अमिताभ बच्चन

80 के दशक में अमिताभ बच्चन ने राजनीति में दिलचस्पी दिखाई थी। उन्होंने इसके चलते अपने फिल्म करियर से कुछ वक्त का ब्रेक लिया और इलाहाबाद से लोकसभा का एलेक्शन लड़ा। वहां से वो जीत भी गए थे।। लेकिन में जब बोर्फोस घोटालों से उनका नाम जोड़ गया तो उन्होंने अपने राजनीति करियर को वहीं खत्म करने का फैसला लिया।

गोविंद

गोविंदा भी 2004 से लेकर 2009 तक मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बने रहे थे। वे इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े हुए थे। लेकिन 2008 में उन्होंने राजनीति छोड़ दी। उन्होंने ये हवाला दिया कि राजनीति की वजह से उनका एक्टिंग करियर बर्बाद हो गया है।

संजय दत्त

संजय दत्त ने अपना राजनीति करियर अपने पिता सुनील दत्त की तरह शुरु किया था। वो समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए थे। लेकिन जब 2009 में उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए नामाकंन फाइल किया तो कोर्ट द्वारा उसे रिजेक्ट कर दिया गया था। इन सबके बाद वो जनरल सेक्रेटरी बन घए। लेकिन 2010 में उन्होंने अपनी ये पोजिशन छोड़ दी थी।

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