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हरी टोपी और चीनी पुरुषों का डर – सच क्या है?

“आज भी चीनी पुरुष हरी टोपी पहनने से बचते हैं।भले ही वह कितनी भी फैशनेबल क्यों न हो।

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By Sonali Chauhan | Faridabad, Haryana | मनोरंजन - 15 November 2025

“सोचिए, एक रंग जो दुनिया में आम है, वही चीन में *पुरुषों के लिए शर्मिंदगी का निशान है! जी हाँ, हम बात कर रहे हैं हरी टोपी की। आज जानेंगे इसका पुराना इतिहास और मज़ेदार वजह, जो शायद आपने कभी नहीं सुनी।”

1-  हरी टोपी से जुड़ा इतिहास  क्या है??

“सैकड़ों साल पहले, युआन और मिंग राजवंश में कुछ पुरुषों को हरी टोपी पहनने के लिए मजबूर किया जाता था।

खासकर वेश्याओं के परिवार वाले पुरुष।

इसका मतलब था—समाज में नीचा दिखाना और उन्हें सम्मानित लोगों से अलग करना।

यानी ये सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि शर्मिंदगी का प्रतीक था।”

2-चीनी मुहावरा जो सब बदल देता है

चीनी भाषा में एक बहुत मशहूर मुहावरा है:‘डाई लू माओ’।

शाब्दिक मतलब: हरी टोपी पहनना।

सामाजिक अर्थ: ‘धोखा खाना’।

अगर किसी पुरुष ने हरी टोपी पहनी, तो इसका मतलब था—‘आपकी पत्नी ने आपको धोखा दिया’।

और इसी एक वाक्य ने पूरे आधुनिक चीन की सोच को आकार दे दिया।


3- क्यों आज भी इसका असर है??

“आज भी चीनी पुरुष हरी टोपी पहनने से बचते हैं।

भले ही वह कितनी भी फैशनेबल क्यों न हो।

चीन में हरी टोपी कम ही मिलती हैं।

क्यों? क्योंकि यह सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतावनी है।”


4- पुराने नियम अभी भी असरदार

“पुराने नियम खत्म हो गए, लेकिन प्रतीकवाद अब भी कायम है।

हरी टोपी पहनना आज भी ‘शर्मिंदगी और धोखे’ का संदेश देता है।

इसलिए कोई भी पुरुष इसे पहनने से बचता है।”


5- अपमान का चिन्ह 

“राजवंशों में हरी टोपी विशेष पुरुषों के लिए अपमान का चिन्ह थी।

इतिहास में इसे समाज में अलग पहचान देने के लिए बनाया गया।

मतलब, फैशन के पीछे भी सामाजिक कहानी और संदेश छुपा था।”

6- पुरानी परंपरा और सामाजिक संदेश क्या है??

“हरी टोपी सिर्फ रंग नहीं, बल्कि सदियों पुरानी परंपरा और सामाजिक संदेश है।

यह दिखाता है कि इतिहास और संस्कृति कभी-कभी सबसे आम चीजों में भी छुपी होती है।

चीन में हरी टोपी पहनना मज़ाक नहीं, बल्कि समाज और इतिहास की चेतावनी है।”

“तो अगली बार जब आप चीन में हरी टोपी देखें, जान जाइए कि यह सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि सदियों पुराना संदेश है।


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