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संजय दत्त की मां और गुजरे जमाने की फेमस एक्ट्रेस नरगिस दत्त का जन्म 1 जून 1929 को कोलकाता में हुआ था। 3 मई 1981 को उनका निधन कैंसर से हुआ था। वो संजय दत्त की मां और दिवंगत अभिनेता सुनील दत्त की पत्नी थीं। सुनील दत्त के साथ नरगिस की प्रेम कहानी बहुत ही दिलचस्प है। दोनों ने 1957 में आई फिल्म 'मदर इंडिया' में मां-बेटे का रोल किया था। बाद में असल जिंदगी में में वो पति-पत्नी बने। खास बात यह है कि नरगिस सुनील को मदर इंडिया में उनके ऑनस्क्रीन नाम (बिरजू) से ही पुकारती थीं।
नरगिस के बालों में लगा बेसन देख फ़िदा हो गए थे राज कपूर

आपको बता दे सिर्फ सुनील दत्त ही नहीं राज कपूर भी नरगिस पर पहली मुलाक़ात में ही फ़िदा हो गए थे. राजकपूर जब पहली बार उनके घर पहुंचे तो नरगिस ने खुद दरवाजा खोला था। वो रसोई से दौड़ती हुई आई थीं, जहां वो पकौड़े तल रही थीं। बेखयाली में उन्होंने बेसन से सने हाथों को अपने बालों में लगा लिया। जिससे हाथों में लगा बेसन उनके बालों में लग गया। नरगिस की इस अदा पर राज कपूर उस समय ही उन पर मर मिटे। गौरतलब है कि यूं तो नरगिस दत्त ने पर्दे पर कई कलाकारों के साथ काम किया है। लेकिन उनकी जोड़ी को राज कपूर के साथ सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था। दोनों ने साथ में 16 फिल्में की थीं और नौ साल तक ये जोड़ी हिट बनी रही। दोनों के अफेयर के चर्चे तो आम थे। लोगों को लगता था कि दोनों शादी भी करेंगे। लेकिन इन दोनों की मोहब्बत कभी मुकम्मल नहीं हो पाई।
नरगिस की इस बात से सुनील दत्त हुए थे इम्प्रेस

एक बार सुनील दत्त ने एक इंटरव्यू में बताया था, "एक बार मैं स्टूडियो में अपनी बहन और उसके दो बच्चों के साथ बैठा था। मेरी बहन को गले में ट्यूमर (गांठ) हो गई थी। चूंकि मैं उस समय मुंबई में स्ट्रगल कर रहा था, इसलिए किसी भी बड़े डॉक्टर को नहीं जानता था। जब स्टूडियो में नरगिस जी आईं। तो उन्होंने मुझे बुलाया। वो मुझे बिरजू कहकर बुलाती थीं। मैं उस वक्त काफी गंभीर मुद्रा में था। उन्होंने पूछा- क्या बात है। मैंने उन्हें सारी बात बता दी और कहा, 'मेरी बहन को तकलीफ है, लेकिन मैं यहां किसी डॉक्टर को नहीं जानता। इसके बाद जब देर रात मैं घर पहुंचा तो बहन ने मुझे बताया, 'कल सुबह मैं हॉस्पिटल जा रही हूं, वहां मेरा ऑपरेशन होगा।' यह सुनकर मैं हैरान था। मैंने पूछा अस्पताल कौन ले जा रहा है तो वो बोली, 'नरगिस जी। वो डॉक्टर को लेकर आई थीं, चैकअप के बाद कल सुबह मेरा ऑपरेशन होगा।' इस तरह नरगिसजी ने बिना मुझे बताए मेरी इतनी बड़ी समस्या चुटकियों में सॉल्व कर दी। इसके बाद से ही वो मेरे दिल में बस गई थीं। मुझे लगने लगा था कि मैं जिस तरह की पार्टनर चाहता था, नरगिस जी वैसी ही थीं।
कार में किया था प्रपोज

सुनील ने इंटरव्यू में आगे बताया था, "एक दिन वो मेरे यहां आईं और जब जाने लगीं तो मैंने कहा- 'चलिए मैं आपको घर छोड़ देता हूं।' इसके बाद हम फिएट कार से नेपियन सी रोड होते हुए बालकेश्वर रोड पहुंचे। फिर मैंने काफी हिम्मत जुटाते हुए उनसे कहा- 'मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं।' वो बोलीं- 'हां बिरजू बताओ।' मैंने उनसे सीधे कहा- 'क्या आप मुझसे शादी करेंगी?' इसके बाद कार में सन्नाटा हो गया। थोड़ी देर बाद उनका घर आ गया और वो बिना जवाब दिए चली गईं। इसके बाद मैं सोचने लगा कि अगर नरगिस जी ने न कहा तो मैं फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर अपने गांव चला जाऊंगा और खेती करूंगा। सुनील दत्त के मुताबिक, कुछ समय बाद एक रोज मैं घर पहुंचा तो मेरी बहन मुस्करा रही थी। मैंने उससे पूछा क्या हुआ, तो पंजाबी में बोली- 'पाजी, आपने मुझसे क्यों छुपाया। मैंने कहा- क्यों, क्या छुपाया मैंने तुमसे? इस पर वो बोली- 'नरगिस जी मान गई हैं।' मैंने कहा- 'क्या मान गई हैं।' वो बोली- अब आप चुप ही रहो, जो आपने कहा था वो मान गई हैं। शादी के वक्त नरगिस पति सुनील दत्त से ज्यादा सक्सेसफुल हुआ करती थीं।
नरगिस का जीवन चुनौतियों और दर्द से भरा रहा

सुनील दत्त जहां 1BHK फ्लैट में रहते थे, वहीं नरगिस साउथ बॉम्बे में लग्जरी जीवन जी रही थीं। हालांकि, शादी के बाद वे भी सुनील दत्त के साथ उसी 1BHK फ्लैट में शिफ्ट हो गईं। नरगिस का जीवन चुनौतियों और दर्द से भरा रहा। 6 साल की उम्र में ही उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्मों में डेब्यू कर लिया। ऐसा नहीं था कि उन्हें आर्टिस्ट बनने का शौक था। मजबूरी में उन्हें इस फील्ड में आना पड़ा। खैर, नियति ने तो उन्हें फिल्मों में धकेल दिया, लेकिन एक साधारण आर्टिस्ट से देश की शीर्ष महिला कलाकार बनने का सफर उन्होंने खुद तय किया।
मोहब्बत से मौत तक की कहानी

कहते हैं न कि खुशी किसी के जीवन में ज्यादा दिन नहीं टिकती। सुनील दत्त से शादी करने के बाद तीन बच्चों के साथ नरगिस का जीवन अच्छा-खासा कट ही रहा था कि कैंसर ने उन्हें अपने शिकंजे में ले लिया। जीवन के अंतिम दिन वे बेहद कष्ट में रहीं। बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी देखने की उनकी प्रबल इच्छा थी, लेकिन रिलीज के कुछ दिन पहले ही वे इस दुनिया से चली गईं। 3 मई 1981 को बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म 'रॉकी' की रिलीज से 4 दिन पहले नरगिस का कैंसर से निधन हो गया था।




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