Story Content
भगवान श्री कृष्ण को उनके बाल रूप लड्डू गोपाल के नाम से जाना जाता है। लड्डू गोपाल की सेवा करने से आनंद और सुख की प्राप्ति होती है। आप भी अपने घर में लड्डू गोपाल की स्थापना कर रहे हैं और उनकी सेवा कर रहे हैं, तो कुछ नियम के बारे में जान लीजिए। लड्डू गोपाल को कब और कितने समय पर भोग लगाया जाता है ? कैसे वस्त्र पहने जाते हैं ? इन सभी के बारे में जानना जरूरी है। लड्डू गोपाल की स्थापना करना बड़ी बात नहीं होती, लेकिन यदि समय-समय पर खाने-पीने का ध्यान ना रखा जाए तो विनाश भी होता है। लड्डू गोपाल के लिए कई नियम बनाए गए हैं जिन्हें भक्तजनों को ध्यान में रखना चाहिए।
रोजाना स्नान
अगर आपने भी अपने घर में लड्डू गोपाल की स्थापना की है, तो उन्हें रोजाना स्नान कराना चाहिए। स्नान करने के लिए संख में दूध, दही और गंगाजल मिला लीजिए। लड्डू गोपाल को नहलाने के बाद उन्हें बच्चों की तरह ही तैयार किया जाता है उनका श्रृंगार किया जाता है। माथे पर मुकुट और चंदन का तिलक भी लगाया जाता है।
कितनी बार लगेगा भोग
लड्डू गोपाल को दिन में चार बार भोग लगाया जाता है। आपको लड्डू गोपाल के भोग में लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कान्हा जी को माखन मिश्री अति प्रिय होता है इसके अलावा बूंदी के लड्डू खीर या हलवा भी भोग में लगा सकते हैं। मान्यता के अनुसार, जिस तरह से बच्चों को बार-बार भूख लगती है वैसे ही लड्डू गोपाल को भी भूख लगती है।
रोजाना पूजा करें
आपको रोजाना स्थापित किए गए लड्डू गोपाल की पूजा करनी चाहिए। रोजाना लड्डू गोपाल को झूला झुलाए समय पर सुलाना चाहिए। बच्चों की तरह लोरी गाकर लड्डू गोपाल को सुलाना चाहिए।
अकेला न छोड़ें
लड्डू गोपाल को घर में कभी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप लंबे समय के लिए कहीं बाहर जा रहे हैं तो उन्हें साथ ले जाना चाहिए। लड्डू गोपाल को घर पर अकेला छोड़ने से उनके दैनिक कार्यक्रम प्रभावित होते हैं।




Comments
Add a Comment:
No comments available.