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इस सोशल मीडिया पोस्ट
पर भारतीय नागिरकों को लेकर कई अपशब्द कहे गए थे जिस कारण AMU ने इस मामले पर तेजी से एक्शन लिया और मामले से जुड़े
बांग्लादेशी छात्रों को ब्लैक लिस्ट कर दिया। अब इन छात्रों को कभी विश्वविद्यालय में
एडमिशन नहीं मिलेगा।
AMU में बांग्लादेशी छात्रों
द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया गया जिसमें भारत के खिलाफ ISKCON पर प्रतिबंध, हिंदू महिलाओं के प्रति अपमानजनक बातें, और उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना से जुड़ी बातें कहीं
गई थीं। इस पर AMU ने कड़ा एक्शन लिया और मामले से संबंधित 2 छात्रों
मोहम्मद शमी और महमूद हसन को ब्लैक लिस्ट कर दिया। तीसरे छात्र मोहम्मद आरिफ को यूनिवर्सिटी द्वारा चेतावानी पत्र जारी किया गया और
साथ ही कहा गया कि अगर दोबारा ऐसी गलती हुई तो अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई की जाएगी। AMU का कहना है कि इस कार्यवाही से साज़िश करने वाले को
भी अवगत करा दिया गया है। AMU में बांग्लादेश के 36 छात्र पढ़ाई करते हैं। इस मामले
को लेकर नेता छात्र आखिल कौशल, हितेश मेवाड़ा, और अन्य छात्रों ने मिलकर बांग्लादेशी छात्रों के
ऊपर कर्रवाई करने की मांग की।
AMU के PRO सलीम पीरजादा ने कहा- दो पूर्व बांग्लादेशी छात्रों
को भविष्य में विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, बीए (इकोनॉमिक्स) के एक छात्र को नोटिस जारी किया
गया। उसके उत्तर के आधार पर उसे केवल परीक्षाएं देने की अनुमति दी गई है, लेकिन भविष्य में उसे किसी भी कार्यक्रम में प्रवेश
नहीं दिया जाएगा।
अखिल कौशल
ने आगे इस मामले पर कहा –“AMU प्रशासन द्वारा दो बांग्लादेशी छात्रों को प्रतिबंधित
करने का फैसला सराहनीय है.” हालांकि, उन्होंने इस बात पर असंतोष व्यक्त किया कि वर्तमान
में पढ़ रहे छात्र को केवल परीक्षाएं देने की अनुमति दी गई है। अखिल कौशल का मानना
है कि उसे भी तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय से निष्कासित किया जाना चाहिए। अगर तीसरे छात्र को भी प्रतिबंधित नहीं किया गया तो
वो पीएम मोदी और सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर शिकायत करेंगे।




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