किसान आंदोलन के बीच दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के साथ किसान नेताओं के एक समूह से मुलाकात की.
किसान आंदोलन के बीच दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के साथ किसान नेताओं के एक समूह से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक 13 किसान नेताओं को शाह के साथ इस बैठक के लिए बुलाया गया था. किसान नेताओं ने कहा कि भारत बंद का कश्मीर से कन्याकुमारी तक असर दिखाई दिया. किसान नेताओं ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को बुलाया गया भारत बंद सफल रहा. 25 राज्यों में इसका असर रहा. सिंघू बॉर्डर स्थित प्रदर्शन स्थल पर किसान नेताओं ने कहा कि इस बंद ने सरकार के आंख और कान खोल दिए हैं. प्रदर्शनकारी बुराड़ी मैदान नहीं गए क्योंकि यह खुली जेल की तरह है.
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि भारत बंद सफल रहा. कश्मीर से कन्याकुमारी तक बंद का असर दिखाई दिया. केंद्र सरकार को अब पता है कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है. इस बीच मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं के एक समूह से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक गतिरोध खत्म करने के तहत 13 किसान नेताओं को शाह के साथ इस बैठक के लिए बुलाया गया था. अमित शाह के साथ किसानों नेताओं की ये बैठक रात करीब आठ बजे शुरू हुई. किसान नेताओं में आठ पंजाब से थे जबकि पांच देश भर के अन्य किसान संगठनों से संबंधित थे.
भारतीय किसान सभा के हन्नान मोल्लाह और भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत भी रहे. अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच बुधवार को कोई बैठक नहीं होगी. मंत्री ने कहा है कि बुधवार को किसान नेताओं को एक प्रस्ताव दिया जाएगा. किसान नेता सरकार के प्रस्ताव पर एक बैठक करेंगे सरकार कृषि कानून को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है. बुधवार को सिंघू बॉर्डर पर हम एक बैठक करेंगे.
भारतीय किसान सभा के हन्नान मोल्लाह और भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत भी रहे. अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच बुधवार को कोई बैठक नहीं होगी. मंत्री ने कहा है कि बुधवार को किसान नेताओं को एक प्रस्ताव दिया जाएगा. किसान नेता सरकार के प्रस्ताव पर एक बैठक करेंगे. सरकार कृषि कानून को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है. बुधवार को सिंघू बॉर्डर पर हम एक बैठक करेंगे.
भारत बंद को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा भारत बंद सफल रहा. हमें किसानों और जनता का पूरा समर्थन मिला अगर जनता को कुछ असुविधा हुई तो कोई बात नहीं एक दिन उन किसानों के साथ एकजुटता में रहें जो पिछले 10 महीनों से धूप गर्मी के तहत मुसीबतों दिल्ली सीमा पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध) का सामना कर रहे हैं.