Story Content
पानी नहीं मिलने के चलते पाकिस्तान की हालत इस वक्त खराब होती हुई दिखाई दे रही है। पाकिस्तान अब पानी को लेकर भारत के सामने गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर हो गया है। पाकिस्तान सरकार की तरफ से भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें सिंधु जल समझौते को स्थगित करने को लेकर दोबारा से विचार करने की बात को रखा गया है। ये अपील पाकिस्तान की तरफ से आने के बाद चारों तरफ हंगामा सा मच गया है।
बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने कहा था कि भारत अब तीन नदियों के पानी का अपने लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है। इस पर तुरंत काम शुरू कर दिया गया है। दरअसल पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक ने मंगलवार के दिन कहा था कि अगर भारत सिंधु जल संधि को फिर से शुरू नहीं किया जाता है। तो दोनों देशों के बीच लागू हुआ संघर्ष विराम खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने कहा, "हम भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का स्वागत करते हैं, लेकिन दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के क्षेत्रों में बड़े सैन्य अभियानों के बाद, जल मुद्दे को जल्द ही हल करने की आवश्यकता है."
सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिंधु जल समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच सितंबर 1960 को विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित एक जल बंटवारा समझौता है। यह समझौता सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों—सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज—के जल के उपयोग को नियंत्रित करता है।




Comments
Add a Comment:
No comments available.