अर्नब की जुबानी, पुलिसिया बर्बरता की कहानी: बिना जूतों के घसीटते हुए ले गई पुलिस, दिखाए चोट के निशान

पुलिस द्वारा चारों ओर से घेरा गया, धक्का- मुक्की की गई, उन्हें घसीट कर बैन तक गया यहां तक कि उन्हें जूते तक पहनने का समय नहीं दिया गया।

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बुधवार के दिन सुबह 6 बजे शुरू हुआ मामला करीब आधी रात तक चला, हम बात कर रहे हैं रिपब्लिक टीवी के मालिक मालिक अर्नब गोस्वामी के गिरफ़्तारी मामले की। बता दें कि साल 2018 में हुए इंटीरियर डिजाइनर और उसकी मां की मृत्यु के मामले में अलीबाग पुलिस ने मुंबई के पुलिसकर्मियों की सहायता लेकर एडिटर-इन-चीफ अर्नब को उनके निवास स्थान से गिरफ्तार कर लिया। अर्नब पर आरोप है कि उन्होंने आत्महत्या करने वाले शख्स को आत्महत्या के लिए उकसाया था। इस बात का खुलासा वहां मिले सुसाइड नोट से हुआ जिसमे 2 अन्य लोगों के साथ अर्नब का नाम भी शामिल था। 


गिरफ्तार करने के बाद गोस्वामी को पुलिस वैन से अलीबाग ले जा कर उन्हें अदालत में पेश किया। पेशी के बाद करीब 11:30 बजे मजिस्ट्रेट का आदेश आया और अर्नब को 18 नवंबर तक के लिए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में  भेज दिया। अर्नब ने कोर्ट में जमानत याचिका दर्ज की है जिसपर गुरुवार को सुनवाई की जाएगी।


अब इस मामले में अर्नब पुलिस कर्मियों पर आरोप लगा रहे हैं। अर्नब के मुताबिक पुलिस कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की है और उनके साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया है। मारपीट के दौरान उनके शरीर पर निशान भी आये हैं। अर्नब का कहना है कि उन्हें पुलिस द्वारा चारों ओर से घेरा गया, धक्का- मुक्की की गई, उन्हें घसीट कर बैन तक  गया यहां तक कि उन्हें जूते तक पहनने का समय नहीं दिया गया। 


इसके अलावा अर्नब गोस्वामी के वकील का कहना है पुलिस बहुत बुरी तरह पेश आ रही है। अर्नब की गिरफ़्तारी के बारे में उनकी पत्नी को भी कोई जानकारी नहीं थी। दो पुलिस अधिकारियों द्वारा अर्नब के साथ मारपीट कीगई जो सरासर गलत है। अर्नब को घसीटा गया और उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी  धक्का-मुक्की की गई साथ ही करीब 3 घंटे के लिए उनके घर को बंद रखा गया । वकील ने आगे ये भी बताया कि मारपीट के दौरान अर्नब के बाएं हाथ पर खरोंच आई है और पुलिस ने हाथ पर लगी चोट से पट्टी को हटाने की कोशिश भी की।

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