धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़े विवाद पर पहली बार बोले बाबा रामदेव, जानिए कैसे रखी अपनी बात

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर काफी वक्त से विवाद चल रहा है। उन पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लग रहा है।

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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर काफी वक्त से विवाद चल रहा है। उन पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लग रहा है। इस पूरे विवाद पर अब बाबा रामदेव अपनी बात रखते हुए दिखाई दिए हैं। बाबा रामदेव का उन्हें समर्थन मिला है। स्वामी रामदेव ने अपनी बात में कहा, "कुछ पाखंडी धीरेंद्र शास्त्री पर टूटकर पड़े हैं और पूछ रहे हैं कि बालाजी की कृपा क्या है, हनुमान जी की कृपा क्या है?"

इस पूरे मामले पर बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा है, "जिन्हें बाहर की आंखों से देखना हो, वो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से पूछें, लेकिन जिन्हें तर्क-वितर्क करना हो, वो रामभद्राचार्य जी के पास आ जाओ और चमत्कार देखना हो, तो इनके शिष्य धीरेंद्र शास्त्री के पास चले जाओ।" इसके अलावा बाबा रामदेव ने आगे कहा, "मैं मीडिया के लोगों को ज्यादा फोन नहीं करता, लेकिन कहना चाहता हूं कि सब जगह पाखंड मत ढूंढो, ये सच है जो दिख रहा है और जो आंखों से दिख रहा है, वो एक प्रतिशत है। आप लोग सनातन को आगे बढ़ाने के लिए काम करें।"

ये पूरा मामला कैसे शुरू हुआ चलिए हम आपको बताते हैं। दरअसल पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था, "भारत में चादर चढ़ाना और कैंडल जलाना तो आस्था है, लेकिन अर्जी का नारियल बांधना अंधविश्वास है. पता नहीं लोग इतना दोगलापन कहां से लाते हैं।" उन्होंने कहा, "देश में हिंदू बाबाओं के खिलाफ खास अभियान चलाया जा रहा है। इसी के चलते उन्हें भी निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन वे इससे नहीं डरते।"

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बता दें कि महाराष्ट्र के नागपुर में श्रीराम चरित्र-चर्चा का आयोजन हुआ था। तब वहां धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा था। इस दौरान अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिए जाने का आरोप था. इसके बाद से विवाद जारी है।

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