भारत जोड़ो यात्रा से विपक्षी एकजुटता में मिलेगी मदद: राहुल गांधी

कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को भारत जोड़ो यात्रा का चौथा दिन कन्याकुमारी के मुलगुमूदु से शुरु किया है. इस यात्रा को आज शाम तक केरल में प्रवेश करने की संभावना है.

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कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को भारत जोड़ो यात्रा का चौथा दिन कन्याकुमारी के मुलगुमूदु से शुरु किया है. इस यात्रा को आज शाम तक केरल में प्रवेश करने की संभावना है. कांग्रेस के नेताओं ने तीन दिन की पदयात्रा में करीब 40 किलोमीटर की दूर तय की है. जिसमें से कल यानी की शुक्रवार को 17 किलोमीटर की पदयात्रा की. कन्याकुमारी से शुरु पदयात्रा के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने किसानों, स्वच्छता कर्मीयों, आदिवासी कार्यकर्ताओं, यूट्यूबर्स और पंचायत नेताओं के साथ बातचीत की.


पार्टी अध्यक्ष को लेकर फैसला

यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद के सवाल पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने  शुक्रवार  को कहा कि वह इसको लेकर फैसला कर चुके हैं. हालांकि राहुल गांधी ने इस बात का खुलासा नहीं किया की पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन बनेगा? इसके साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वह इसके पीछे के कारणों कि वजह को बताएंगें. ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद के इस्तीफे के बाद अपने फैसले पर अडिग हैं. उनके इस तरह के बयान देने के बाद अनिश्चितता गहरा गई है. राहुल गांधी के अध्यक्ष पद का बयान ऐसे समय पर दिया है. जब कुछ दिन पहले ही अध्यक्ष पद के चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा हुई है. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 24 सितम्बर को नामांकन दाखिल किया जाएगा. एक से अधिक उम्मीदवार का नाम होने पर 17 अक्टूबर को चुनाव होगा. 

एकजुटता के लिए सभी पार्टी जिम्मेदार

राहुल गांधी से पत्रकारों ने पूछा की क्या इस पदयात्रा से विपक्षी एकजुटता को बल मिलेगा?  इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो पदयात्रा एक अलग कवायद है. लेकिन इससे विपक्षी एकजुटता में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल की जिम्मेदारी है कि वह साथ आएं. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सिर्फ कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी नहीं है. इसमें हर पार्टी की भूमिका है और इसको लेकर बातचीत चल रही है. 

इस जबाव में आगे बढ़ते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश धर्म और राज्यों के आधार पर बंट गया है. देश में मंहगांई है, बेरोजगारी है. हैं. वहीं पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पदयात्रा के माध्यम से यह देखने और समझने की कोशिस की जा रही है कि, जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है? और साथ में आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी के द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई की कोशिश है.

BJP- RSS की  विचारधारा से देश को क्षति

आगे के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के लिए भाजपा और RSS के अपना मत हो सकते हैं लेकिन दोनों की विचारधारा ने देश को बहुत क्षति पहुचाई है. भाजपा ने जो नफरत देश में फैलाई है हमारी यात्रा उस नफरत के खिलाफ है. राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा ने सभी संस्थाएं अपने नियंत्रण में कर लिया है और उसका इस्तेमाल विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए कर रही है. जिसके कारण सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो)और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है. आज हालात यह हैं कि हम सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नहीं लड़ रहे, बल्कि पूरी राज्य व्यवस्था से लड़ रहे हैं.

राहुल गांधी से राजपथ का नाम बदले को लेकर सवाल किया गया को तो उन्होंने कहा की बीजेपी के पास भविष्य के लिए कोई नजरिया नहीं है इसलिए वह गड़े मुर्दे उखाड़ते रहते हैं. केन्द्र सरकार के पास दृष्टिकोण का दिवालियापन है. अतीत में झांकने से नहीं वर्तमान में कदम उठाने से देश बचेगा.

भारत यात्री

राहुल गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस के सदस्य के रूप में और पार्टी विचारधारा में विश्वास करने वाले व्यक्ति के रूप में इस यात्रा का हिस्सा बने हैं. वह इस यात्रा का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं. पार्टी ने राहुल गांधी समेत 119 नेताओं को 'भारत यात्री' नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे. ये लोग कुल 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.








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