मौत के बाद शव को गंगा नदी में फेंक रहे हैं परिजन, बक्सर में गंगा नदी से 30 शव बरामद

लोग इतना बेबस हो गए हैं कि अपने परिजनों की लाश तक लेने से मना कर रहे हैं.

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कोरोना ने तो लोगों की दुनिया उजाड़ दी है. लोग इतना बेबस हो गए हैं कि अपने परिजनों की लाश तक लेने से मना कर रहे हैं. अंतिम संस्कार भी सही से नहीं कर रहे हैं. बिहार के बक्सर जिले के चौसा प्रखंड में सोमवार को गंगा नदी में कम से कम 30 शव बरामद किए गए, जिससे इस कोरोना काल में क्षेत्र में लोग में भय का माहौल बन गया. जिला प्रशासन ने दावा किया है कि बरामद शव बह कर आए हैं, जो करीब तीन से चार दिन पहले के बताए जा रहे हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि चौसा प्रखंड के गंगा नदी के किनारे बह कर आए करीब 30 शवों को बरामद किया गया. सभी शव क्षत विक्षत स्थिति में हैं.

बक्सर के जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि इस घटना के जांच के लिए बक्सर के अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को संबंधित क्षेत्र में भेजा गया था. उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में यह बात सामने आई है कि गंगा नदी में पाए गए शव तीन से चार दिन पुराने हैं, इस कारण स्पष्ट है कि शव बक्सर जिले के नही हैं.

जांच कर लौटे अनुमंडल पदाधिकारी के. के. उपाध्याय ने ग्रामीणों के हवाले से बताया कि शव स्थानीय नहीं हैं, बल्कि एक-दो दिन से गंगा नदी में बहकर अन्य जगहों से आए हैं. उन्होंने कहा कि ये शव गंगा नदी में सीमावर्ती राज्य से बहकर आए हैं.

इस मामले में जिलाधिकारी ने बताया कि सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों से इस मामले में बातचीत भी की गई है तथा भविष्य में ऐसी घटना को रोकने के लिए चौकसी करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि नौका पर इस क्षेत्र में गश्ती की जाएगी.

पुलिस के अधिकारी ने बताया कि बरामद सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. सरकार के दिशा निर्देश के बाद बक्सर जिले में कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित मृत व्यक्तियों के अंतिम संस्कार के लिए निशुल्क व्यवस्था की गई है.

जिलाधिकारी समीर ने बताया कि सामान्य मृत व्यक्तियों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि बरामद शवों का अंतिम संस्कार भी पूरे विधि विधान से सरकारी खर्च पर कराया जाएगा.


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