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नवादा पुलिस और बिहार STF की बड़ी सफलता, दो कुख्यात नक्सली अरवल से गिरफ्तार, 2016 के नक्सली हमले में थे शामिल
बिहार में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को उस समय बड़ी सफलता मिली, जब एसटीएफ और नवादा पुलिस की संयुक्त टीम ने दो कुख्यात हार्डकोर नक्सलियों को अरवल जिले से गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों नक्सलियों की पहचान इंद्रजीत महतो उर्फ पंकज उर्फ पप्पू और संतोष चौधरी के रूप में हुई है। इन दोनों की गिरफ्तारी नवादा जिले के सिरदला थाना क्षेत्र में दर्ज कांड संख्या 264/16 के तहत की गई है, जिसमें वे 2016 में हुए नक्सली हमले के मुख्य आरोपी हैं।
गुप्त सूचना पर STF और पुलिस की कार्रवाई
एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि वांछित नक्सली अरवल जिले के परासी थाना क्षेत्र में मजदूर बनकर छिपे हुए हैं। इसके बाद नवादा एसपी अभिनव धीमान के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। एसडीपीओ गुलशन कुमार और सिरदला थानाध्यक्ष मोहन कुमार की देखरेख में छापेमारी कर गुरुवार (15 मई, 2025) को दोनों को धर-दबोचा गया।
गिरफ्तारी के वक्त मजदूरी कर रहे थे नक्सली
पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो दोनों आरोपी मजदूरी कर रहे थे और खुद को आम श्रमिक की तरह प्रस्तुत कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने सतर्कता और सटीक पहचान के आधार पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद उन्हें सिरदला थाना लाया गया, जहां उनसे और भी नक्सली नेटवर्क को लेकर पूछताछ की जा रही है।
2016 में रेलवे बेस कैंप पर किया था हमला
इन दोनों आरोपियों पर 3 नवंबर 2016 को तिलैया-कोडरमा रेलखंड पर निर्माणाधीन खरौंध रेलवे स्टेशन के बेस कैंप पर हुए नक्सली हमले में शामिल होने का आरोप है। इस हमले में नक्सलियों ने लेवी की मांग पूरी न होने पर मजदूरों से मारपीट, गोलीबारी और वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। इस मामले में 63 माओवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनमें ये दोनों मुख्य भूमिका में थे।
घटना के बाद से थे फरार, वर्षों से पुलिस को दे रहे थे चकमा
गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि ये दोनों नक्सली घटना के बाद से ही लगातार फरार चल रहे थे और पुलिस की पकड़ से बाहर थे। इंद्रजीत महतो अरवल जिले के रामपुर चौरम थाना क्षेत्र का निवासी है, जबकि संतोष चौधरी का संबंध परासी थाना क्षेत्र के परशुरामपुर गांव से है। इनकी गिरफ्तारी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे सुरक्षा अभियानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
पूछताछ में हो सकते हैं और भी खुलासे
पुलिस का कहना है कि इनकी गिरफ्तारी से कई पुराने मामलों में जानकारियां और अन्य फरार नक्सलियों के नेटवर्क की जानकारी मिल सकती है। इनसे पूछताछ जारी है और जल्द ही अन्य ठिकानों पर छापेमारी की जा सकती है।




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