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तनाव के बीच पाकिस्तान से लौटे BSF जवान पीके साहू, 21 दिन बाद हुई वतन वापसी

बीएसएफ जवान पीके साहू की पाकिस्तान से 21 दिन बाद वतन वापसी हो गई है। गलती से सीमा पार कर गए जवान को पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार किया था। अब अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत लाया गया है। परिवार में खुशी का माहौल है

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By Shraddha Singh | New Delhi, Delhi | खबरें - 14 May 2025

तनाव के बीच पाक से लौटे बीएसएफ जवान पीके साहू, 21 दिन बाद वतन वापसी, परिवार में खुशी का माहौल

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक राहत की खबर सामने आई है। बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) के जवान पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तान ने रिहा कर भारत को लौटा दिया है। पीके साहू 23 अप्रैल 2025 को ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तानी सीमा में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में ले लिया था। अब पूरे 21 दिन बाद उनकी वतन वापसी हुई है, जिससे परिवार और बल में खुशी का माहौल है।

अटारी-वाघा बॉर्डर से हुई वापसी

बीएसएफ की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि,

"आज बीएसएफ के जवान कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू को अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत लाया गया है।"

पीके साहू उस समय पाकिस्तानी सीमा में जा पहुंचे थे, जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात काफी तनावपूर्ण हो चुके थे। दरअसल, भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था, जिसके चलते दोनों देशों के रिश्ते और अधिक खराब हो गए थे। हालांकि इस पूरे तनाव का असर साहू की रिहाई पर नहीं पड़ा, जो दोनों देशों के बीच कूटनीतिक समझदारी का संकेत है।

पत्नी रजनी साहू की बेचैनी और संघर्ष

पश्चिम बंगाल के रहने वाले पीके साहू पंजाब के फिरोजपुर बॉर्डर पर तैनात थे। जब उनके पाकिस्तान में चले जाने की खबर सामने आई तो पूरे परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनकी पत्नी रजनी साहू इस घटना के बाद बेहद परेशान रहीं। उन्होंने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की, और अपने पति की रिहाई की गुहार लगाई। रजनी साहू का कहना था कि उन्होंने हर दिन पति की सलामती के लिए प्रार्थना की।

वापसी पर हुआ जोरदार स्वागत

भारत लौटने पर बीएसएफ के अधिकारियों और जवानों ने पीके साहू का जोरदार स्वागत किया। वहीं, जैसे ही रजनी साहू को अपने पति की वापसी की खबर मिली, घर में खुशी की लहर दौड़ गई। पीके साहू के गांव में भी लोगों ने मिठाइयाँ बाँटी और खुशियाँ मनाईं। ग्रामीणों ने कहा कि पीके साहू की वापसी सिर्फ उनके परिवार के लिए नहीं, पूरे देश के लिए एक भावनात्मक पल है।

बीएसएफ जवान पीके साहू की सुरक्षित वापसी उस देशभक्ति और बलिदान की मिसाल है जो हमारे सुरक्षाबल रोज निभाते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालात के बावजूद इस रिहाई ने यह भी दिखाया है कि मानवता और कूटनीति के रास्ते अब भी खुले हैं।

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