Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

चार धाम यात्रा 2025: बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के खुले कपाट, श्रद्धालुओं में उमड़ा उत्साह

उत्तराखंड में स्थित पवित्र चार धाम — यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ — के कपाट 2025 में भक्तों के दर्शन हेतु खुल चुके हैं। अक्षय तृतीया से शुरू हुई यह यात्रा 6 महीने तक चलेगी और श्रद्धालुओं को मोक्ष की अनुभूति कराएगी।

Advertisement
Image Credit: google
Instafeed.org

By Shraddha Singh | Delhi, Delhi | खबरें - 06 May 2025

उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां की पवित्र घाटियाँ, बर्फ से ढके पर्वत और कलकल बहती नदियाँ मानो स्वयं भगवान का निवास स्थल हैं। इसी देवभूमि में स्थित है चार धाम — एक ऐसी यात्रा जिसे हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का द्वार माना गया है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस दिव्य यात्रा पर निकलते हैं ताकि वे अपने जीवन के पापों से मुक्ति पा सकें और आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकें।

क्या है चार धाम?

चार धाम यात्रा चार प्रमुख तीर्थस्थलों — यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ — का संगम है। ये सभी स्थल उत्तराखंड की ऊँचाईयों पर स्थित हैं और गहन आस्था का केंद्र हैं। इन चारों धामों के कपाट केवल 6 महीने के लिए खुलते हैं — गर्मियों से शरद ऋतु तक — और शेष 6 महीनों में बर्फबारी के कारण बंद कर दिए जाते हैं।

2025 में चार धाम यात्रा की शुरुआत

इस वर्ष, 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के पावन दिन यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी विधिपूर्वक खोले गए। इसके साथ ही आधिकारिक रूप से चार धाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है, और अगले 6 महीनों तक भक्तगण दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

चार धाम के धार्मिक महत्व

  • यमुनोत्री: उत्तरकाशी जिले में स्थित यह मंदिर देवी यमुना को समर्पित है। यहां श्रद्धालु गरम कुंड में स्नान कर देवी का पूजन करते हैं।

  • गंगोत्री: यह पवित्र स्थल गंगा मैया का उद्गम स्थान माना जाता है। गंगोत्री मंदिर भी उत्तरकाशी जिले में स्थित है।

  • केदारनाथ: रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह धाम भगवान शिव को समर्पित है और पंच केदार में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

  • बद्रीनाथ: चमोली जिले में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के बद्री रूप को समर्पित है। यहाँ नर-नारायण पर्वतों के मध्य स्थित मंदिर की भव्यता मन को भाव-विभोर कर देती है।

क्यों करनी चाहिए चार धाम यात्रा?

चार धाम की यात्रा केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण का माध्यम है। यह यात्रा कठिन जरूर होती है, लेकिन हर पड़ाव पर मनुष्य स्वयं से जुड़ता है, अपने भीतर झांकता है और एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति चार धाम यात्रा करता है, उसे जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है।

सरकार की तैयारियां और सुविधाएं

उत्तराखंड सरकार ने इस बार यात्रियों की सुविधा के लिए बेहतर ट्रैवल गाइड, मेडिकल सुविधाएं, डिजिटल रजिस्ट्रेशन, हेलीकॉप्टर सेवा और बेहतर सड़क संपर्क जैसी व्यवस्थाएं की हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है ताकि भीड़ को बेहतर ढंग से मैनेज किया जा सके।

यदि आप चार धाम यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय बिल्कुल उपयुक्त है। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, आत्मा की सच्ची प्यास बुझाने का माध्यम है।


Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.