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विदेशी दौरे पर जा रहे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नामों पर मचा सियासी घमासान, कांग्रेस सांसदों पर उठे गंभीर सवाल
पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही फेक नैरेटिव्स का जवाब देने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए केंद्र सरकार ने सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है, जिसे कई बड़े देशों के दौरे पर भेजा जा रहा है। लेकिन प्रतिनिधिमंडल में भेजे जा रहे कुछ सांसदों के नामों को लेकर राजनीति गरमा गई है। खासकर कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित कुछ नामों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कड़ा विरोध जताया है।
जयराम रमेश की पोस्ट से शुरू हुआ विवाद
इस पूरे विवाद की शुरुआत कांग्रेस नेता जयराम रमेश की एक सोशल मीडिया पोस्ट से हुई, जिसमें उन्होंने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम मांगे। इसके बाद कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम प्रस्तावित किए।
बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कांग्रेस द्वारा भेजे गए नाम बेहद चौंकाने वाले और संदिग्ध हैं।” उन्होंने राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके चुनाव के बाद समर्थकों द्वारा 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए गए थे। इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी।
अमित मालवीय ने गौरव गोगोई को लेकर भी टिप्पणी की और कहा, "उनके बारे में जितना कम कहा जाए उतना बेहतर होगा।"
असम के मुख्यमंत्री का भी तीखा हमला
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी गोगोई पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि गौरव गोगोई ने पाकिस्तान में लंबे समय तक रहने से इनकार नहीं किया है और विश्वसनीय दस्तावेज बताते हैं कि उनकी पत्नी एक पाकिस्तान स्थित एनजीओ से वेतन प्राप्त कर रही थीं, जबकि वह भारत में कार्यरत थीं। उन्होंने राहुल गांधी से आग्रह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में इस सांसद को ऐसे किसी प्रतिनिधिमंडल में शामिल न किया जाए।
सरकार ने दी प्रतिनिधिमंडल की सूची
इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सात सांसदों की सूची भी जारी की है जो विदेश दौरे पर जा रहे हैं। इनमें कांग्रेस के शशि थरूर, बीजेपी के रवि शंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, जेडीयू के संजय झा, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे शामिल हैं।
कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे विवाद पर अब तक कांग्रेस नेतृत्व की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस तरह के आरोपों से कांग्रेस की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंच सकता है, खासकर जब मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़ा हो।




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