Covid- 19: कोरोना से मौत होने का मिलेगा प्रमाणपत्र, जानें नए नियम

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मिले निर्देश पर केंद्र सरकार ने नए नियम जारी कर दिए है. सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिया था कि केंद्र सरकार को कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के मामले में मृत्‍यु प्रमाण पत्र जारी करें और दिशानिर्देशों को आसान बनाए.

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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मिले निर्देश पर केंद्र सरकार ने नए नियम जारी कर दिए है. सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिया था कि केंद्र सरकार को कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के मामले में मृत्‍यु प्रमाण पत्र जारी करें और दिशानिर्देशों को आसान बनाए. सुप्रीम कोर्ट के दिए हुए आदेश के अनुसार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने गाइडलाइन जारी की है कि कोरोना से होने वाली मौत के मामलों में आधिकारिक दस्तावेज जारी की जाएगी. 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए बताया है कि तीन सितंबर को ही देश के महापंजीयक कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को मौत की कारण के साथ-साथ चिकित्‍सा प्रमाण पत्र देना जारी कर दिया गया था. कोर्ट ने बताया क‍ि रीपक कंसल बनाम भारत सरकार व अन्‍य मामलों में 30 जून के फैसले का पालन करते हुए केंद्र सरकार की ओर से नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से साफ कर दिया है कि कोरोना संक्रमण के उस मामलों को भी शामिल किया गया है, जिससे आरटी-पीसीआर जांच, मालिक्‍यूलर जांच, रैपिड-एंटीजन जांच या किसी अस्‍पताल में हुई जांच का पता चलता है.

सरकार के नए नियमों के तहत यह भी कहा गया है कि कोरोना के वैसे मामले जिसमें मरीज स्‍वस्‍थ नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई, चाहे वो अस्‍पताल में हुई या फिर घर पर) तो उसे कोरोना से होने वाली मौत ही शामिल कहा जाएगा. भले ही इन मामलों में मेडिकल सर्टिफिकेट आफ काज आफ डेथ (एमसीसीडी) जन्म और मृत्यु के पंजीकरण अधिनियम 1969 की धारा 10 के अनुसार फार्म 4 और 4 ए के रूप में पंजीकरण प्राधिकारी को जारी क्‍यों ना कर दिए गए हों.

कोई मरीज़ जिसकी मौत 30 दिन के भीतर हो गई हो जब वो कोरोना संक्रमित हो जाए उस दिन से तो उसे कोरोना कि वजह से ही मृत घोषित माना जाएगा और वैसे लोगों को भी इस सूची में शामिल किया जाएगा जिसकी मौत अस्पताल में चल रहे इलाज़ के दौरान हुई हो चाहे वो 30 दिन के बाद ही को न हो, उसमें कोई समय सीमा नहीं है बस अगर वो अस्पताल में उसकी कोरोना पॉजिटिव रहते मौत हुई तो उसे भी इस सूची में शामिल किया जाएगा. 

नए नियम के तहत एक चीज का और इज़ाफ़ा हुआ है कि अगर कुछ लोग एमसीसीडी की ओर से दिए गए कारण से कोई संतुष्‍ट नहीं है या फिर कोई और वजह हो इससे सम्बंधित तो उसके लिए राज्य और केंद्र शासित जगहों पर जिला शासित एक गठन बनाया जाएगा जो ऐसे परेशानियों का हल निकालेंगी.

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