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भारत में होली का त्योहार बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस त्योहार को अधर्म पर धर्म की जीत के तौर पर देखा जाता है। होलिका दहन से पहले जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और अग्नि देव की पूजा की जाती है। इसके अगले दिन यानी फाल्गुन पूर्णिमा पर होली मनाई जाती है। इस दिन लोग एक-दूसरे को गुलाल और रंग लगाकर गले मिलते हैं। होलिका दहन केे लिए कुछ दिन पहले से ही किसी एक जगह पर सूखा पेड़ रख दिया जाता है। उस पर घास, पुआल, गोबर और लकड़ियां रख दी जाती है। फिर होलिका दहन वाले दिन इसका दहन करने की परंपराहोती है। घर का बड़ा सदस्य इसमें अग्नि देता है। होलिका दहन को छोटी होली के नाम से जाना जाता है। वही, उसके अगले दिन रंगों की होली मनाई जाती है।
होली पर क्या करें-
- होली पर अपनी जेब में काले कपड़े के अंदर एक पीली सरसों, लौंग, जायफल और काले तिल बांधकर आप रख दीजिए और जलती हुई होली में उन्हें डाल दीजिए। ऐसा करने से आप पर जो भी नकारात्मक शक्तियां होगी उनका प्रभाव खत्म हो जाएगा।
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर आपको खुशी के साथ इस त्योहार को मनाना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में भी खुशियां आएगी।
- इस दिन आपको भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए। ऐसा आप करते हैं तो आपको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
- होलिका दहन की अग्नि में गेंहू की बालें आप जरूर भून लें। लोगों से आप जरूर मिलें। इससे आपके जीवन में खुशियां आएंगी।
होली पर क्या न करें-
- होली पर सफेद पदर्थों का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसीलिए क्योंकि होलिका दहन के दिन नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव ज्यादा रहता है।
- होली के दिन आप अपने सिर को ढक कर रखें। वही, पुरुष को इस दिन टोपी जरूर पहनानी चाहिए और महिलाओं को पल्लू या फिर चून्नी से सिर ढ़कना चाहिए। ताकि बुरी शक्तियां आपके सिर पर न मंडराएं।
- सूरज डूब जाने के बाद होली न तो खेलिए और न ही किसी के ऊपर आपको रंग डालना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।




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