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महिलाएं सकट चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ रखती है। संतान की लंबी आयु के लिए ये व्रत रखा जाता है। 17 जनवरी के दिन इस व्रत को रखा जाना है। महिलाएं सुबह तिल के पानी से नहाती है और शाम में गणेशजी की विधि विधान के साथ पूजा करके व्रत की कथा सुनती या फिर पढ़ती है। फिर चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती है। कुछ जगहों पर इस व्रत को तिलवा और तिलकुट चतुर्थी कहते हैं। आइए जानते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त और टाइमिंग।
सकट चौथ की तिथि 17 जनवरी को सुबह 4 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगी। यह 18 जनवरी सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए माताएं सकट चौथ का व्रत 17 जनवरी को रखेंगी और इसी दिन रात को चंद्रमा को अर्घ्य देंगी।
सकट चौथ की पूजा के वक्त रखें इन बातों का ध्यान
- सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को उनके हरे रंग के कपड़े पहनाएं।
- सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिलकुट का भोग लगाना न भूले।
- इस दिन तिल से बनी चीजों, तिल के लड्डू या फिर तिल से बनी मिठाई का भोग जरूर लगाए।
- चंद्रमा को जल अर्घ्य देने के बाद ही व्रत को खोले।
सकट चौथे पर करें ये उपाय
सकट चौथ के दिन गणेश भगवान की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके बाद बप्पा के 'संकटनाशन गणेश स्तोत्र' का पाठ करें। फिर, अपनी संतान के ऊपर से दूर्वा घास को 7 बार घुमाकर भगवान गणेश को चढ़ा दें। इस उपाय को करने से आपकी संतान के ऊपर से सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी। साथ ही उसपर बप्पा का आशीर्वाद बना रहेगा।




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