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आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर यहां की एक विशेष अदालत ने बुधवार को सुनवाई की. सिसोदिया को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. जांच एजेंसी की दलीलें पूरी होने के बाद अब मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को दोपहर 2 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी. अगली सुनवाई पर सिसोदिया के वकील ईडी की दलील पर अपना पक्ष रखेंगे.
पॉलिसी में फायदा
ईडी ने कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया ने साजिश रचने, नीति बनाने और उसे लागू करने में अहम भूमिका निभाई. जांच एजेंसी ने कहा कि वह जीओएम के प्रमुख थे और उन्हें न केवल कैबिनेट के बारे में सारी जानकारी थी, बल्कि नीतिगत बदलावों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. ईडी ने कहा कि पॉलिसी में फायदा दिलाने के एवज में रिश्वत ली गई.
नीति में बदलाव
एजेंसी ने कहा कि एक व्यक्ति केवल दो खुदरा लाइसेंस प्राप्त कर सकता है और इसके लिए एक लॉटरी प्रणाली अपनानी होगी, जिसमें सभी क्षेत्रों में 27 दुकानें होंगी. ईडी ने अदालत को बताया कि जीओएम या विशेषज्ञ समिति को नीति में बदलाव के बारे में पता नहीं था, अगर बदलाव निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया गया होता, तो जीओएम या विशेषज्ञ समिति को इसके बारे में सूचित किया जाता. ईडी ने कहा कि कोई भी नीति चोरी-छिपे नहीं बनाई जाती, नीतियां दिनदहाड़े सबकी जानकारी में बनाई जाती हैं.




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