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शहीद नौसेना अधिकारी विनय नरवाल की पत्नी निकलीं एल्विश यादव की क्लासमेट, पहलगाम हमले ने छीन लिया एक नया रिश्ता
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें भारतीय नौसेना के जवान विनय नरवाल भी शामिल थे। विनय अपनी नई-नई दुल्हन हिमांशी के साथ हनीमून मनाने गए थे, लेकिन यह सफर हमेशा के लिए दर्द और आंसुओं में तब्दील हो गया।
अब इस घटना से जुड़ा एक और भावुक पहलू सामने आया है। फेमस यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी विनर एल्विश यादव ने हाल ही में एक व्लॉग में खुलासा किया कि शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी उनकी क्लासमेट रह चुकी हैं। एल्विश ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में हिमांशी का चेहरा देखा और पहचान लिया।
हिमांशी की हालत देख टूट गया एल्विश
एल्विश ने बताया, “जब मैंने हिमांशी का वीडियो देखा तो मुझे उसका चेहरा जाना-पहचाना लगा। जब दोबारा वीडियो देखा, तो मुझे एहसास हुआ कि वह मेरी कॉलेज फ्रेंड है। हमने एक-दूसरे के साथ कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया था और हमारी बातचीत भी हुआ करती थी।”
उन्होंने आगे बताया कि उनकी एक कॉमन फ्रेंड ने हिमांशी को 30 से ज्यादा बार कॉल किया। 31वीं बार में जब कॉल रिसीव हुआ, तो फोन पर हिमांशी फूट-फूटकर रो रही थीं। उन्होंने बताया कि उनके पति को इसलिए गोली मारी गई क्योंकि आतंकियों को यकीन हो गया था कि वह हिंदू धर्म से हैं।
देश का हर नागरिक आज शोक में
विनय नरवाल की शहादत ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। यह सिर्फ एक शख्स की मौत नहीं, बल्कि एक नवविवाहित जोड़े के सपनों का अंत था। सोशल मीडिया पर हिमांशी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह बेहद दुखी मन से अपनी आपबीती सुना रही हैं।
‘लाफ्टर शेफ्स’ में नजर आ रहे हैं एल्विश यादव
वर्कफ्रंट की बात करें तो एल्विश यादव इन दिनों रियलिटी शो ‘लाफ्टर शेफ्स: अनलिमिटेड एंटरटेनमेंट’ में नजर आ रहे हैं। इस शो में उनके साथ रुबीना दिलैक, अंकिता लोखंडे, करण कुंद्रा, और अली गोनी जैसे सितारे भी शामिल हैं। एल्विश को बिग बॉस ओटीटी में वाइल्ड कार्ड एंट्री के जरिए खास पहचान मिली थी और उन्होंने वही सीजन जीत कर इतिहास रच दिया था।
यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, पूरे देश पर है
पहलगाम का हमला केवल कुछ लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे भारत की आत्मा पर हमला था। इस तरह की घटनाएं सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक चोट भी पहुंचाती हैं। हिमांशी जैसे कई लोग हैं, जिनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल चुकी है।
यह कहानी केवल एक पत्नी के आंसुओं की नहीं, बल्कि हर उस भारतीय की पीड़ा की है, जो आतंक के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है।




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