बॉर्डर से किसान हटाने लगे टेंट, तोड़े मकान

किसानों ने नेशनल हाईवे-44 कुंडली बॉर्डर पर पक्के मकान और अस्थाई घर बना डाले ताकि कड़कड़ाती सर्दी और तेज बारिश और धूप से बचा जा सके.

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वीरवार को युक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को स्थगित कर दिया. किसानों द्वारा बनाए गए पक्के मकानों को सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर धरना स्थल के पास टूटने शुरू हो गए.

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वहीं इस मकान से निकलने वाली ईटों को किसानों के लिए बनने वाले शहीद स्मारकों में भी दिया जाएगा. 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने आंदोलन शुरू किया गया था. किसानों ने नेशनल हाईवे-44 कुंडली बॉर्डर पर पक्के मकान और अस्थाई घर बना डाले ताकि कड़कड़ाती सर्दी और तेज बारिश और धूप से बचा जा सके.

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भारतीय किसान यूनियन दोआबा के किसान नेता गुरमीत सिंह ने कहा कि 1 साल पहले जब किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. तब यह पक्का मकान हमने हाईवे पर बनाया था. इस मकान में 19 हजार ईंटें लगी थी. 19 हजार ईंटों से तीन कमरे बनाए गए थे. इनमें एसी, फ्रिज और सीसीटीवी जैसी सारी व्यवस्था की गई थी.

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इस मकान का निर्माण करने वाले किसान गुरमीत ने कहा कि इस मकान को बनाने के लिए लगभग साढ़े तीन लाख रुपए का खर्चा आया था. अब हम संयुक्त किसान मोर्चा के एलान के बाद घर वापसी कर रहे हैं तो मकान को नेशनल हाईवे-44 से हटा रहे हैं.

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