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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में ASI सर्वे को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली अनुमति

Gyanvapi ASI Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी है.

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Image Credit: ज्ञानवापी मस्जिद
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By Taniya Instafeed | खबरें - 03 August 2023

Gyanvapi Masjid News: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि न्याय हित में सर्वे कराया जाना उचित है. हाईकोर्ट के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज की. 

हिंदू पक्ष के वकील का बयान 

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण की अनुमति देने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने का आदेश दिया है. 

 ASI सर्वे से मस्जिद के ढांचे को नहीं होगा नुकसान

बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे से मस्जिद के ढांचे में नुकसान होने की बात कही थी. जिसके बाद एएसआई की ओर से एक एफिडेविट दाखिल कर कहा गया था कि सर्वे से कोई नुकसान नहीं होगा. अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है और वाराणसी लोवर कोर्ट के सर्वे कराने के आदेश को भी सही माना है. एएसआई ने कहा कि अगर खुदाई करने की जरूरत हुई तो उसके लिए पहले कोर्ट से इजाजत ली जाएगी.

ASI सर्वे से सामने आएगा तथ्य

वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन ने कहा, वहां ऐसे अनगिनत साक्ष्य मौजूद हैं जो बताते हैं कि यह एक हिंदू मंदिर था. ASI सर्वे से तथ्य सामने आएंगे. मुझे यकीन है कि असली 'शिवलिंग' वहां मुख्य गुंबद के नीचे छुपाया गया है. इस सच्चाई को छुपाने के लिए वे (मुस्लिम पक्ष) बार-बार आपत्ति जता रहे हैं. वे जानते हैं कि इसके बाद यह मस्जिद नहीं रहेगी और वहां भव्य मंदिर बनने का रास्ता साफ हो जाएगा.

सभी पूजा स्थलों पर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट हो लागू: मौलाना खालिद 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ASI को सर्वेक्षण करने की अनुमति देने पर AIMPLB सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि, हमें उम्मीद है कि न्याय होगा क्योंकि यह मस्जिद करीब 600 साल पुरानी है और मुसलमान पिछले 600 सालों से वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं. हम भी चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू हो. मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगा. 

डिप्टी सीएम ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया

वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने समाचार एजेंसी बातचीत में कहा कि मैं उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करता हूं. मुझे विश्वास है कि ASI के सर्वेक्षण से सच्चाई सामने आएगी और इस विवाद का भी निस्तारण होगा.

सर्वे के दौरान स्मारक को कोई नुकसान न हो: सपा सांसद 

समाजवादी पार्टी सांसद डॉ. एस. टी. हसन ने कहा कि, अदालत ने जो फैसला दिया उससे मानना होगा. सर्वे के दौरान उस स्मारक को कोई नुकसान न पहुंचे. जो भी सर्वे का फैसला होगा वह हम मानेंगे लेकिन यह फैसला सभी पक्षों को मानना होगा. हमारे देश को आज सांप्रदायिक सौहार्द्र और राष्ट्रीय एकीकरण की बहुत जरूरत है. हम में से किसी को भी ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे फासले बढ़ें. 


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