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Hajj Yatra 2025: हज यात्रा क्या है, कब होगी और क्यों है जरूरी? जानिए पूरी जानकारी
हज यात्रा इस्लाम धर्म की एक पवित्र और अनिवार्य तीर्थयात्रा है, जिसे दुनिया भर के मुसलमान हर साल सऊदी अरब के मक्का शहर में स्थित मस्जिद अल-हरम (काबा शरीफ) में करते हैं। यह इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है – शहादा (ईमान), सलाह (नमाज), ज़कात (दान), सवाम (रोजा) और हज (तीर्थयात्रा)। हज एक ऐसी इबादत है जिसे हर आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम मुसलमान को अपने जीवन में कम से कम एक बार अवश्य करना चाहिए।
हज यात्रा 2025 की संभावित तारीखें (Hajj Yatra 2025 Date)
इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार, हज यात्रा हर साल 12वें महीने जुल हिज्जा में होती है। हज का आरंभ 8 जुल हिज्जा से होता है और 13 जुल हिज्जा तक चलता है। चूंकि इस्लामिक तारीखें चांद के दिखाई देने पर निर्भर होती हैं, इसलिए हर साल हज की तारीखें बदलती रहती हैं।
2025 में हज यात्रा की संभावित तारीखें 4 जून से 9 जून के बीच बताई जा रही हैं।
हालांकि, अंतिम तारीखों की पुष्टि चांद दिखने के बाद ही की जाएगी।
हज का धार्मिक महत्व – अल्लाह का हुक्म
हज केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, विनम्रता और आध्यात्मिकता की प्रतीक मानी जाती है। कुरान और हदीस में हज को बेहद अहम बताया गया है:
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सूरह अल-हज (22:27): “और लोगों में हज का ऐलान कर दो, लोग तुम्हारे पास पैदल और हर दुबली सवारी पर आएंगे, जो दूर-दराज़ रास्तों से चली आएंगी।”
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सूरह बकरा (2:198): “जब तुम हज के दौरान अराफात से लौटो, तो अल्लाह को याद करो…”
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हदीस: “एक मबरूर हज (जिसे सच्चे दिल से और सही तरीके से पूरा किया गया हो) का इनाम सिर्फ जन्नत है।”
हज क्यों जरूरी है? (Importance of Hajj)
हज केवल एक धार्मिक दायित्व नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और पापों से मुक्ति का माध्यम भी है। ऐसा माना जाता है कि जो सच्चे दिल से हज करता है, उसके पिछले सभी गुनाह माफ हो जाते हैं और अल्लाह उसके लिए जीवन को एक नई शुरुआत का अवसर देते हैं।
हज का उद्देश्य:
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आत्मनिरीक्षण और आत्मशुद्धि
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नम्रता और धैर्य का अभ्यास
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विश्वभर के मुसलमानों के साथ एकता और भाईचारा
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अपने पापों की क्षमा मांगना और नया जीवन प्रारंभ करना
हज की तैयारी और प्रक्रियाएं
हज यात्रा की तैयारी में केवल यात्रा की योजना बनाना ही नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार होना भी जरूरी होता है। इसमें शामिल होते हैं:
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एहराम बांधना (विशेष वस्त्र पहनना)
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तवाफ करना (काबा शरीफ के चारों ओर चक्कर लगाना)
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सई करना (सफा और मरवा पहाड़ियों के बीच चलना)
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अराफात मैदान में खड़े रहना
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मिना और मुजदलिफा में रात बिताना
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कुर्बानी देना (पैगंबर इब्राहीम की परंपरा अनुसार)
अगर आप हज यात्रा 2025 की योजना बना रहे हैं, तो समय रहते रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, दस्तावेज़, पासपोर्ट, स्वास्थ्य जांच और संबंधित एजेंसियों से संपर्क कर लें ताकि आपको किसी तरह की परेशानी न हो।




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