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Landslide in Himachal Pradesh: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर बनकर बादल बरस रहे हैं. नदी नाले उफान पर आ गए हैं. भारी बारिश के चलते प्रदेश भर से भू स्खलन और बादल फटने की सूचनाएं लगातार सामने आ रही हैं. जिससे लोगों के जन जीवन अस्त व्यस्त हो गए हैं. पिछले चार दिनों से हो रही भारी के चलते अभी तक 71 लोगों की मौत हो गई है. प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
कांगड़ा में 780 को लोगों का रेस्क्यू
वहीं, पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के बाद से कांगड़ा जिला जलमग्न में हो गया है. लोगों को घरों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. IAF अधिकारी ने बताया कि पिछले 48 घंटों में पश्चिमी वायु कमांड के हेलीकॉप्टरों ने 50 से अधिक उड़ानें भरीं और कांगड़ा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 780 से अधिक नागरिकों को बचाया गया.
शिमला में 13 शव बरामद
उधर, शिमला के समर हिल इलाके में 14 अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान अभी तक जारी है. एनडीआरएफ इंस्पेक्टर नसीफ खान ने बताया कि, 4 दिन से रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चल रहा है. भारतीय सेना, एसडीआरएफ और पुलिस यहां बचाव कार्य में जुटी हुई है. लापता 21 लोगों में से अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं.
प्रदेश भर में अब तक 7,500 करोड़ का नुकसान
प्रदेश में भारी बारिश से आई बाढ़ और लैंडस्लाइड से काफी नुकसान हुआ है. आपदा प्रबंधन के प्रमुख सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि, अभी तक 7,500 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन हमारे पास आ चुका है. यह बढ़ सकता है क्योंकि अब लोग बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं. विस्तृत अनुमान आने में समय लगेगा. पिछले 3-4 दिनों में हमने 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया है.
नुकसान की भरपाई करने में लगेगा 4 साल: CM
राज्य में हुई भारी तबाही पर राज्य के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दोषपूर्ण संरचनात्मक डिजाइन, अंधाधुंध निर्माण कार्य और माइग्रेट आर्किटेक्ट्स को जिम्मेदार ठहराया है. सीएम ने भविष्य में सख्त निर्माण नियमों का संकेत दिया. सीएम ने कहा कि राज्य में हुए भारी नुकसान की भरपाई करने में कम से कम चार साल लगेगा. चार साल के अंदर ही हिमाचल आत्म निर्भर बनेगा और अगले 10 सालों में देश का नंबर वन राज्य बन जाएगा.




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