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बच्चों को न लगाएं मोबाइल फोन की लत, इस तरह छूटेगी आदत

मोबाइल का इस्तेमाल बड़े ही नहीं बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। लेकिन बच्चे खाना-खाते समय भी मोबाइल देखना पसंद करते हैं वह इसके आदी हो जाते हैं।

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Image Credit: प्रतीकात्मक तस्वीर
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By Taniya Instafeed | खबरें - 30 September 2024

आज के समय में बच्चे मोबाइल फोन में गेम खेलते हैं कार्टून देखते हैं और मोबाइल के बिना नहीं रह पाते। रात को सोते समय हाथ में मोबाइल और सुबह को उठते समय मोबाइल देखकर ही उनकी आंखे खुलती हैं, आप यह सोच सकते हैं कि बच्चों की यह आदत कितनी नुकसानदायक है। मोबाइल का इस्तेमाल बड़े ही नहीं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। अक्सर अपने कई ऐसे बच्चे देखे होंगे जो खाना खाते समय भी मोबाइल देखना पसंद करते हैं वह इसके आदी हो जाते हैं। लॉकडाउन के समय देखा जाए तो बच्चों की क्लास ऑनलाइन हो चुकी थी इसकी वजह से ज्यादा समय मोबाइल स्क्रीन पर गुजारना पढ़ता था, लेकिन अब स्थिति ठीक होने के बावजूद भी बच्चों की यह लत अभी तक सही नहीं हुई है और वह हर समय मोबाइल फोन में लगे रहते हैं। 

पैरेंट्स भी होते हैं जिम्मेदार

कई बार बच्चों में मोबाइल की लत पैदा करने के लिए माता-पिता भी जिम्मेदार होते हैं। बचपन से ही बच्चे के रोने पर मोबाइल पर गाने बजाना और व्यस्त होने पर उसे रोने से रोकने के लिए मोबाइल थमा देना भी इस लत का कारण है। कई बार बच्चों को खाना खिलाने के लिए भी मोबाइल का लालच दिया जाता है और फिर यह उनकी आदत बन जाती है, फिर बच्चा मोबाइल के बिना कोई काम नहीं करता है। जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है और बच्चा जिद्दी हो जाता है।

कैसे छुड़ाएं फोन की लत

  • अपने बच्चे को फोन की लत से छुटकारा दिलाने के लिए उसके मोबाइल इस्तेमाल करने का एक खास समय तय करें उससे अधिक मोबाइल का उपयोग न करने दें।
  • खाना खाते समय यदि आपका बच्चा फोन मांगे तो आप बच्चे को प्यार से समझाएं उन्हें खाना पूरा फिनिश करने का लालच देने के लिए फोन बिल्कुल ना थमाएं
  • मोबाइल पर कार्टून देखने के अलावा उनके लिए इनडोर गेम लाएं जो उन्हें पसंद हो और वे उन्हें खेलने में अधिक समय बिताएं। इसके साथ ही उन्हें पार्क में ले जाएं और अपने दोस्तों के साथ खेलने दें। आप चाहें तो उन्हें उनके पसंदीदा खेलों या गतिविधियों में प्रवेश दिला सकते हैं। जिसमें वे पूरे मन से खेल सकें और खुद को व्यस्त रख सकें।
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