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संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खोटी, बताया 'आतंकवाद का गढ़'
संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि (DPR) योजना पटेल ने आतंकवाद विरोधी बैठक में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने बिना किसी लाग-लपेट के पाकिस्तान को एक 'दुष्ट राष्ट्र' बताया जो आतंकवाद को पनाह देता है और पूरे दक्षिण एशिया में अशांति फैलाने का काम करता है। योजना पटेल ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अब दुनिया को और अधिक गंभीरता दिखानी होगी, क्योंकि पाकिस्तान जैसे देश वैश्विक सुरक्षा के लिए लगातार खतरा बने हुए हैं।
पाकिस्तान के मंत्री ने खुद कबूला सच
योजना पटेल ने अपने संबोधन में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया इंटरव्यू का भी ज़िक्र किया। आसिफ ने खुले तौर पर स्वीकार किया कि पाकिस्तान दशकों से आतंकियों को ट्रेनिंग और फंडिंग देता रहा है। योजना पटेल ने कहा, "जब पाकिस्तान के मंत्री खुद इस सच्चाई को स्वीकार कर रहे हैं, तो अब इस पर कोई संदेह नहीं रह जाता। पाकिस्तान ने खुद को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को एकजुट होकर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि वैश्विक शांति बनी रहे।
पहलगाम हमले का मुद्दा उठाया
योजना पटेल ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले का भी ज़िक्र किया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा, "यह हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे साफ है कि सीमा पार से आतंकवाद का खतरा आज भी बरकरार है।"
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत वर्षों से सीमापार आतंकवाद का सामना कर रहा है और पाकिस्तान की भूमिका इसमें हमेशा संदिग्ध और आपत्तिजनक रही है।
भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत प्रतिबद्धता
योजना पटेल ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत की दृढ़ता को दोहराते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई कभी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा, "भारत आतंकवाद के पीड़ितों को कभी नहीं भूलेगा। हम उन्हें न्याय दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाते रहेंगे।" इसके साथ ही उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ खड़े होने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों का आभार भी जताया।
पाकिस्तान के मंत्री का चौंकाने वाला कबूलनामा
गौरतलब है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने पिछले 30 वर्षों में अमेरिका के लिए आतंकियों को प्रशिक्षित करने और समर्थन देने का काम किया है। उन्होंने कहा था, "हमने 30 सालों तक यह गंदा खेल अमेरिका के लिए खेला।"
आसिफ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन अब खत्म हो चुके हैं, हालांकि उन्होंने यह भी माना कि पहले पाकिस्तान का इन संगठनों से सीधा संबंध रहा है।
दुनिया को करना होगा अब फैसला
योजना पटेल का संदेश साफ था — अब वक्त आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान जैसे देशों की दोहरी नीति को समझे और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अब कोई ढील या नरमी भविष्य के लिए विनाशकारी हो सकती है।




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