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शुक्रवार यानी 29 जनवरी के दिन इजराइली दूतावास के पास एक ब्लास्ट हुआ जिसके बाद दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई और मामले की जांच तेजी से की जाने लगी। फॉरेंसिंक टीम की जांच पड़ताल में ये सामने आया है कि ब्लास्ट के लिए अमोनियम नाइट्रेस का प्रयोग किया गया था। वहीं, क्राइम ब्रांच की टीम को वहां से जला हुआ गुलाबी रंग का एक दुपट्टा भी मिला और इजराइली राजदूत के नाम एक लिफाफ भी। सामने आई जानकारी के मुताबिक एक चिट्ठी भी हासिल की गई है। उसमें ये लिखा गया है कि यह तो सिर्फ ट्रेलर है। अभी फिलहाल फॉरेंसिक टीम फिंगर प्रिंट की जांच करने का काम कर रही है। इजरायली दूतावास के बाहर जो ब्लास्ट हुआ है उसकी जिम्मेदारी जैश-उल हिंद नाम के एक संगठन ने ली है। इसी चीज की जांच देश की खुफिया एजेंसी करने में जुटी हुई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलिग्राम पर एक चैट पाया है।
इस ब्लास्ट में फिलहाल कोई भी घायल नहीं हुआ है। लेकिन आसपास जो गाड़ियां खड़ी हुई थी उन्हें नुकसान पहुंचा है। इजराइल की तरफ से उसे आतंकी हमला करार दिया है। ये एक चिंता का विषय इसीलिए भी है क्योंकि 29 जनवरी को ही भारत-इजराइल के कूटनीतिक रिश्तों की 29वीं सालगिरह थी। इस ब्लास्ट को लेकर भारत और इजराइल के विदेश मंत्रियों ने फोन पर बात भी की है। जब ये ब्लास्ट हुआ उस वक्त विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट चल रही थी, जिसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई VVIP लोग मौजूद थे।
इन सबसे पहले फरवरी 2012 में भी इजराइली दूतावास की एक कार को निशाना बनाया गया था। 13 फरवरी 2021 को ब्लास्ट किया गया था। इस हमले में राजदूत के ड्राइवर समेत 4 लोग घायल हुए थे। उस हमले का आरोप इजराइल ने ईरान पर लगाया था। पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में दिल्ली के अंदर ये पहला ब्लास्ट है।
इसके अलावा पुलिस ने मौकाए वारदात के पास जो सीसीटीवी कैमरे लगे थे उससे दो संदिग्धों की पहचान करने में सफलता हासिल की है। ये कैब से उतरते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस ने कैब ड्राइवर से भी पूछताछ करना शुरू कर दी है। उसी को आधार मानते हुए संदिग्धों का स्केच तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा पुलिस ने बिना देर किए रात को कई इलाकों में छापेमारी भी की। फिलहाल दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू कर दी गई है। ऐसे में अगला कदम क्या होगा वो देखने वाली बात है।




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