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आपको बता दें हर साल महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर चार धाम के कपाट खुलेने की घोषण की जाती है। उत्तराखंड राज्य को देवों की भूमि कहा जाता है बद्रीनाथ केदारनाथ,गंगोत्री और यमुनोत्री ये चारों धाम इसी राज्य में स्थित है। चालिए जानते है कब से कब तक चारधाम यात्रा होगी।
कब से खुलेंगे मंदिर
के कपाट
चार धाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरु होने जा रही है। जानकारी के मुताबिक श्रध्दालु 30 अप्रैल से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन कर सकेंगे। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई, 2025 को सुबह 7 बजे से खुलेगा और 23 अक्टूबर 2025 को भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिया जाएगा। महाशिवरात्रि के शुभ दिन पर धार्मिक नेताओं और अधिकारियों ने इस तिथि कि घोषणा कर दी है। वहीं बद्रीनाथ के कपाट 4 मई, 2025 को खुल रहे हैं।

चार धामों का महत्व
सनातन धर्म में इन चार धाम का विशेष महत्व है। चार धाम की यात्रा में देश- विदेश से लोग आते है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस यात्रा को दिल से करता है, उसके सारे पाप धुल जाते है उसे मनुष्य जीवन मरण से मुक्ति प्राप्ता होती है। साथ ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। हर साल इस यात्रा में लाखों करोड़ो श्रध्दालु आते हैं।

केदारनाथ धाम
ये मंदिर हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है। ये धाम बार ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जिसका निर्माण पांडवो ने करवाया था। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।

बद्रीनाथ धाम
उत्तराखंड के चमोली जिलें में स्थित है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इस स्थान को अपने निवास के रुप में चुना था। कहा जाता है कि बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु 6 महीने विश्राम करते है। यहां भगवान विष्णु पद्मासन की मुद्रा में विराजमान हैं। बद्रीनाथ को 8 वैकुंठों में से एक माना जाता है।

गंगोत्री
मान्यता
है कि राजा भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी। गंगोत्री
गंगा नदी का उद्गम स्थल है। गंगोत्री उत्तराखंड के उत्तकाशी जिलें में स्थित है।

यमुनोत्री
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यमुना को भगवान सूर्य की पुत्री कहा जाता है। यमुना नदी में स्नान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती।

आप चार धाम यात्रा
का रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन भी कर सकते है ये
रजिस्ट्रेशन 2 मार्च 2025 से शुरु हो रहे हैं।




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