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महानंदा नवमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे माघ, भाद्रपद और मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इसे ताला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। खासतौर पर उत्तरी और पूर्वी भारत, विशेषकर उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में इस पर्व को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष महानंदा नवमी 6 फरवरी 2025, गुरुवार को पड़ रही है। यह दिन माघ गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि के साथ भी संयोग बना रहा है।
कौन हैं देवी महानंदा?
पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महानंदा नवमी के दिन देवी नंदा की पूजा का विशेष महत्व है। देवी नंदा, माता पार्वती का ही एक अन्य स्वरूप मानी जाती हैं। इनकी पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, शत्रु परास्त होते हैं और स्थिर लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या या बाधा चल रही है, तो इस दिन देवी के मंत्रों का जाप अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
महानंदा नवमी के उपाय (Mahananda Navami 2025 Upay)
✔ समस्याओं से मुक्ति के लिए: यदि जीवन में निरंतर समस्याएं बनी हुई हैं, तो इस दिन व्रत रखकर देवी मां से सुख-समृद्धि की कामना करें।
✔ शत्रुओं से छुटकारे के लिए: यदि शत्रु परेशान कर रहे हैं, तो महानंदा नवमी पर देवी के इस विशेष मंत्र का 11 बार जाप करें और धान के लावा को भूनकर हवन करें—
🔹 "ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ऊँ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।"
इस मंत्र के जाप से शत्रुओं से जुड़ी परेशानियां समाप्त होती हैं।
✔ बाधाओं से मुक्ति के लिए: यदि जीवन में किसी भी प्रकार की बाधाएं आ रही हैं, तो देवी मां के इस मंत्र का 11 बार जाप करें—
🔹 "सर्वा बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥"
इस मंत्र के प्रभाव से सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
महानंदा नवमी का यह विशेष दिन देवी नंदा की कृपा प्राप्त करने और जीवन की सभी समस्याओं को दूर करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विधिपूर्वक देवी की आराधना करने से निश्चित ही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।




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