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चक्रवाती तूफान यास से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में सीएम ममता बनर्जी की गैर मौजूदगी का मामला तूल पकड़ रहा है. वहीं, ममता बनर्जी की ओर से प्रतिक्रिया आई है. ममता बनर्जी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री से बात करने के बाद ही दीघा के लिए निकलीं. वहीं ममता बनर्जी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी जीत केंद्र सरकार को हजम नहीं हो रही है. मैं बंगाल की जनता के लिए प्रधानमंत्री के पैर छूने को भी तैयार हूं.
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अधिकारी के तबादले के मुद्दे पर सीएम ममता ने कहा कि लड़ाई मेरे साथ है, मेरे अधिकारियों से नहीं. पश्चिम बंगाल की ओर से उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि जहां तक हो सके इन अधिकारियों को इनसे दूर रखा जाए और सेवा विस्तार दिया जाए. उन्होंने कहा कि तबादला आदेश रद्द किया जाए. पश्चिम बंगाल के सीएम ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि मुख्य सचिव के इस आदेश को वापस लें और हमें काम करने दें. कुछ शिष्टाचार होना चाहिए. केंद्र राज्य को काम नहीं करने दे रहा है. बंगाल मेरी प्राथमिकता है और मैं इसे कभी खतरे में नहीं डालूंगा. मैं यहां के लोगों के लिए सुरक्षा गार्ड बना रहूंगा.
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ममता बनर्जी ने कहा कि हमने पीएम से कहा कि हमें दीघा जाना है क्योंकि मौसम अच्छा नहीं है. हमने पाथर की मूर्ति और अन्य जगहों का दौरा किया, हालांकि मौसम ने इसकी अनुमति नहीं दी. हम वहां प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करने के लिए पीएम से मिलने गए थे. मैंने उन्हें रिपोर्ट सौंप दी और हमारे जाने से पहले उनकी अनुमति ले ली. सीएम ममता बनर्जी ने यह कहकर चुप्पी तोड़ी कि वह हार नहीं मान सकती, इसलिए वह विरोध कर रही हैं. बैठक में देर से पहुंचने और जल्दी जाने के विवाद पर उन्होंने कहा कि गुरुवार को ही मेरा कार्यक्रम तय हो गया था. उन्होंने कहा कि पीएम के दौरे के बारे में जानने में देर हो गई.




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