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भूकंप से कांपा मणिपुर का उखरुल शहर, रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई तीव्रता

भूकंपों पर एनसीएस की रिपोर्टों के अनुसार, दिसंबर के महीने में भारतीय क्षेत्र में 38 भूकंप दर्ज किए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक भूकंप आए, जिनमें से प्रत्येक में छह-छह भूकंप आए.

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By विपिन यादव | खबरें - 04 February 2023

मणिपुर के उखरुल जिले में भूकंप के झटके महसूस किये गए. नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई. भूकंप शहर में करीब 6 बजकर 14 मिनट पर आया. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था. मिली जानकारी के मुताबिक भूकंप की वजह से कोई जान माल के नुकसान की खबर नहीं है. इससे पहले शुक्रवार रात पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में 3.2 की तीव्रता से भूकंप आया था. देश में भूकंप गतिविधि की निगरानी के लिए नोडल एजेंसी ने कहा कि शामली में भूकंप रात 9.31 बजे आया था.

दिसंबर में भूकंप के 38 मामले

बता दें कि भूकंपों पर एनसीएस की रिपोर्टों के अनुसार, दिसंबर के महीने में भारतीय क्षेत्र में 38 भूकंप दर्ज किए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक भूकंप आए, जिनमें से प्रत्येक में छह-छह भूकंप आए.

जाने क्यों आता है भूकंप

दरअसल, धरती मुख्य रूप से चार परतों से बनी हुई है, जिन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है. ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं. ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं. ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर , दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है. इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं. ऐसे में ही भूकंप आता है.

भूकंप से कैसे करें बचाव 

भूकंप आने की स्थिति में हमेशा शांत रहना चाहिए और दूसरों को आश्वस्त करना चाहिए. अगर आप घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं. घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं. यदि आप घर के बाहर हैं तो जहां हों वहां से आप न हिलें. बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें. 

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