Opinion: 20 हज़ार करोड़ में बन रहा है नया संसद, इतने में तो 150 अस्पताल बन जाता?

मोदी चुनाव जीत सकते हैं मगर सरकार नहीं चला सकते हैं

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पूरे देश में कोरोना ने कोहराम मचा दिया है. लोग मर रहे हैं, दौड़ रहे हैं. देश में अस्पताल की किल्लत है, ऑक्सीजन की कमी है,मगर हमारे देश के प्रधानसेवक को ये सब दिखता ही नहीं है. अपने अहंकार में इतना डूबे हुए हैं कि पूरा देश को डूबा दिया है. किसी भी देश के लिए तीन चीज़ अहम होती है, भोजन की सुविधा, स्वास्थ्य की सुविधा और शिक्षा. दुर्भाग्य से हमारा देश इन तीनों चीज़ों में पिछड़ा हुआ है. देश में रोज़ कोरोना वायरस के 4 लाख से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं, ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नए संसद भवन का निर्माण कार्य (सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट) जारी रखने का निर्णय लिया है. इतना ही नहीं, इसे कोरोना काल के महत्वपूर्ण कार्यों में से एक माना है. जिस देश में अभी अस्पताल की दिक्कत हो रही हो क्या वहां नया संसद भवन बनना सही है?

इस पूरे प्रोजेक्ट में करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए लग रहे हैं और इसे 'आवश्यक सेवा' घोषित किया गया है और साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित किया गया है कि दिल्ली में लॉकडाउन होने के बावजूद इस परियोजना पर मज़दूर काम करते रहें

क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?

इस प्रॉजेक्ट के तहत आज़ादी से पहले की कई इमारतों के पुनर्निमाण की तैयारी है. मतलब ये कि अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए इमारतों को फिर से मरम्मत किया जाएगा. आधिकारिक रूप से समझना चाहें तो रायसीना हिल पर पुरानी इमारतों को सुधारने, आम सचिवालय भवनों को बेहतर बनाने, पुराने संसद भवन का नवीनीकरण करने और सांसदों की आवश्यकता अनुसार नई जगह बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सेंट्रल विस्टा परियोजना शुरू की है.

कितना खर्च आएगा

इस परियोजना पर लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये के ख़र्च होने का अनुमान है. इतने पैसे में तो देश में करीब 150 से ज़्यादा अच्छे अस्पताल बन जाएंगे

क्यों बनाना ज़रूरी है?

केंद्र सरकार का कहना है कि बहुत से इमारत आधुनिक नहीं है, जिसके कारण परेशानी होती है साथ ही साथ सरकार का ये भी कहना है कि बहुत विदेशी लोग इस इलाके में आते हैं और इसे विश्वस्तरीय पर्यटक आकर्षण बिंदु बनाने के लिए इसकी सुंदरता बढ़ाना ज़रूरी है. 


देश में अस्पताल की किल्लत है मगर...

ये बात पूरी तरह से शत प्रतिशत सच है कि देश में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से नगण्य है, मगर सरकार को नए संसद भवन की ज़रूरत महसूस हो रही है. हालांकि  विपक्ष के कई नेताओं ने मोदी सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को क्रिमिनल वेस्टेज (आपराधिक अपव्यय) कहा है. मतलब ये कि ये अपराध है. जब देश को अस्पताल की ज़रूरत है तो सरकार इमारते बना रही है.

नए संसद भवन की ख़ासियत

नए संसद भवन में 888 लोकसभा सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी. वहीं संयुक्त सत्र में इसे 1224 सदस्यों तक बढ़ाने का विकल्प भी रखा जाएगा. राज्यसभा के सदन में कुल 384 सदस्य बैठ सकेंगे और भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसमें भी जगह बढ़ाने का विकल्प रखा जाएगा. वर्तमान में लोकसभा सदन में कुल 543 सदस्य बैठ सकते हैं, वहीं राज्यसभा में कुल 245 सदस्य.

सुप्रीम कोर्ट में रोकने की याचिका

सिद्धार्थ लूथरा नाम के याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर किया है, जिसमें उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुद्दा बहुत सरल है, परियोजना जनवरी में पारित हो गई है, लेकिन जहां तक ​​मानव जीवन का सवाल है, सरकार का दायित्व है कि हमारे जीवन की रक्षा करें. हमें इस मामले में चिंतित होने की ज़रूरत है, जबकि सरकार केवल 3-4 किमी निर्माण को लेकर चिंतित है. देश में स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से विफल हो गई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि फिलहाल इस केस को देखने के लिए कोई जज नहीं इसलिए ये मामला आगे नहीं बढ़ सकता है.

सरकार पूरी तरह फेल है

कोरोना की तैयारियों के आधार पर कहा जा सकता है कि सरकार पूरी तरह से फेल है. न सरकार के पास हॉस्पीटल की कोई सुविधा है, न ही ऑक्सीजन की सुविधा. लोग मर रहे हैं. सबसे दुख वाली बात है कि सरकार के पास इच्छाशक्ति की भी कमी है.


मोदी चुनाव जीत सकते हैं मगर सरकार नहीं चला सकते हैं


मोदी सरकार को आम जनता की बिल्कुल चिंता नहीं है. वो हमेशा से चुनाव जीतने में लगी रहती है. अभी हाल ही में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें पैसों को पानी की तरह बहाया गया. मगर जनता को अनदेखा किया गया. इस आधार पर कहा जा सकता है कि मोदी चुनाव तो जीत सकते हैं मगर सरकार नहीं चला सकते हैं.


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