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मौनी अमावस्या जिसे माघ अमावस्या भी कहा जाता है।
मौनी अमावस्या का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। इस दिन लोग धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से अपने
पितरों को प्रसन्न करते हैं और पितृ दोष के प्रभाव से मुक्त होते हैं।
कैसे दूर करे पितृ दोष
· मौनी अमावस्या के दिन व्रत और दान- पुण्य करने से पितरों को शांति
मिलती है। इस अमावस्या पर पितरों की शांति का तर्पण जरुर करें। इससे पितृ दोष से
मुक्ति मिलती है।
· मौनी अमावस्या के दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर अपने पितृ के नाम
से सरसों के तेल का दीपक जलांए। ऐसा करने से पितरों को अपने लोक लौटने में सहायता
मिलती है। वह खुशा होकर आशीर्वाद देते है।
· मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ का विशेष महत्व होता है। इस दिन
पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते हैं और पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं। इस दिन पीपल के
पत्तों पर मिठाई रखकर पितरों को अर्पित करें ऐसा करने से पितरों को अन्न की
प्राप्त होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
· मौनी अमावस्या पर हवन करने से राहु का बुरा असर नहीं पड़ता और इससे
नाकारात्मक शक्ति का प्रभाव भी कम होता है। इस दिन हवन करने से पितरों की आत्मा
शुध्दि होती है और पितरों की कृपा मिलती है।
· पितृ दोष को खत्म करने के लिए मौनी अमावस्या पर कपड़े, जूते और चप्पल दान
करने से जीवन में सुख और समृध्दि आती है।
मौनी अमावस्या के दिन विवाहित जोड़े व्रत रख कर
अपने विवाहित जीवन की परेशानियों से छुटकार पा सकते है। इस दिन सुबह जल्दी उठ कर
स्नान करके शिवलिंग पर जलाभिषेक करे। इसके बाद शिवलिंग की पूजा करते समय ऊँ नम: शिवाय का जाप करें।
पूजा में चढाएं गए प्रसाद को जरुरतमंद या गरीबों को दें। ऐसा करने से पितरों की
कृपा बनी रहती और जीवन में सुख समृध्दि मिलती है।




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