Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

मुर्शिदाबाद हिंसा: राज्यपाल सीवी आनंद बोस का दौरा, ममता बनर्जी की अपील को किया नजरअंदाज

मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता बनर्जी के आग्रह को ठुकराते हुए पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने राहत शिविरों का दौरा किया और स्थिति का आकलन किया।

Advertisement
Image Credit: google
Instafeed.org

By Shraddha Singh | Delhi, Delhi | खबरें - 18 April 2025

मुर्शिदाबाद हिंसा के बीच राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस का दौरा, ममता बनर्जी की अपील को किया नजरअंदाज

पश्चिम बंगाल की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई जब राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को मालदा और मुर्शिदाबाद के दौरे पर निकल पड़े। यह दौरा 11 और 12 अप्रैल को हुए सांप्रदायिक तनाव और हिंसा के बाद हो रहा है, जिसमें कई लोगों की जान गई और सैकड़ों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा।

राज्यपाल बोस ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद किसी भी राजनीतिक विवाद को जन्म देना नहीं, बल्कि पीड़ितों से सीधे मिलकर उनकी व्यथा को समझना और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, "मैं खुद जाकर देखना चाहता हूं कि क्या स्थिति है, ताकि किसी भी तरह की ग़लत सूचना या भ्रम को दूर किया जा सके।"


राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं सैकड़ों लोग

हिंसा की भयावहता इतनी थी कि शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से सैकड़ों स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने घर छोड़कर भागे और मालदा जिले में बनाए गए राहत शिविरों में शरण ली।
राज्यपाल ने कहा कि वे इन शिविरों का दौरा करेंगे, पीड़ितों से बात करेंगे और उनकी जरूरतों को राज्य और केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे।


राज्यपाल की यात्रा पर ममता सरकार असहज

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से आग्रह किया था कि वह मुर्शिदाबाद दौरे को कुछ दिन के लिए टाल दें क्योंकि सरकार क्षेत्र में विश्वास बहाली के प्रयास कर रही है। लेकिन राज्यपाल ने इस अनुरोध को दरकिनार करते हुए कहा कि "ऐसी घटनाओं के तुरंत बाद त्वरित कार्रवाई और संवाद ज़रूरी है।"

राज्यपाल की इस पहल को लेकर ममता सरकार में असहजता साफ देखी जा रही है। TMC के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इसे संवैधानिक सीमाओं का अतिक्रमण बताया है, जबकि बीजेपी ने राज्यपाल के कदम को "जनहित में साहसी फैसला" करार दिया है।


केंद्रीय बल और राज्य पुलिस संयुक्त रूप से तैनात

हिंसा के बाद राज्य सरकार ने मुर्शिदाबाद के संवेदनशील इलाकों में राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया है। अब तक इस मामले में 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो कथित रूप से हिंसा, तोड़फोड़ और सांप्रदायिक तनाव फैलाने में शामिल थे।


मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय, भेजी टीम

इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच टीम मालदा भेजी है जो राहत शिविरों में रह रहे पीड़ितों से बात करेगी और एक रिपोर्ट तैयार कर आयोग को सौंपेगी।

  

राज्यपाल बोस का यह दौरा ना सिर्फ बंगाल की संवेदनशील स्थिति पर फोकस करता है, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार के रिश्तों में चल रहे टकराव की झलक भी दिखाता है।
अब देखना यह होगा कि क्या राज्यपाल का यह दौरा पीड़ितों के लिए राहत लेकर आएगा या यह राजनीतिक टकराव और गहराएगा।

 
Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.