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नैनीताल में ट्रैफिक जाम पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार को दिए ठोस कदम उठाने के निर्देश
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते ट्रैफिक जाम पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को कई अहम निर्देश दिए हैं। जनहित याचिका अजय रावत बनाम यूनियन ऑफ इंडिया पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने प्रशासन से कहा कि नगर क्षेत्र में छोटी-छोटी पार्किंग विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को राहत मिल सके।
सुनवाई के दौरान अदालत ने भवाली सैनिटोरियम को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बदलने की मांग को गंभीरता से लिया। कोर्ट ने कहा कि नैनीताल और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में गंभीर मरीजों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए इस क्षेत्र में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं शुरू करना आवश्यक है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि यदि भविष्य में इसे 1000 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जाए, तो यह पूरे कुमाऊं क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा।
कैंची धाम पर बढ़ती भीड़ और पार्किंग की कमी पर भी अदालत ने चिंता जताई। सरकार की ओर से बताया गया कि फिलहाल वहां केवल 50 वाहनों की पार्किंग है, लेकिन एक बड़ी पार्किंग और हैलीपैड निर्माण की योजना पर काम हो रहा है।
इसके अलावा अदालत ने स्थानीय टैक्सी चालकों की बेरोजगारी की समस्या पर भी गौर किया और प्रशासन को स्थानीय नागरिकों को टैक्सी चलाने की अनुमति देने पर विचार करने को कहा। कोर्ट ने नगर क्षेत्र में स्टिल्ट पार्किंग (सात फीट ऊंची संरचना) जैसी आधुनिक व्यवस्था अपनाने की सलाह दी, ताकि यातायात का दबाव कम हो सके।
मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।




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