Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

नवरात्रि के चौथे दिन ऐसे करें मां कुष्मांडा का पूजा, इस मंत्र-भोग से खुश होंगी माता रानी

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा बेहद ही धूमधाम के साथ की जाती है। मां की पूजा करने से लोगों को सुख-शांति और धन का लाभ प्राप्त होता है। उन्हें भोग के तौर पर मिठाई, फल और मालपुआ चढ़ाया जाता है। देवी पुराण के मुताबिक विद्यार्थियों को नवरात्रि के दौरान माता कुष्मांडा की पूजा जरूर करनी चाहिए।

Advertisement
Image Credit: प्रतीकात्मक तस्वीर
Instafeed.org

By Taniya Singh | Delhi, Delhi | खबरें - 02 April 2025

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा बेहद ही धूमधाम के साथ की जाती है। मां की पूजा करने से लोगों को सुख-शांति और धन का लाभ प्राप्त होता है। उन्हें भोग के तौर पर मिठाई, फल और मालपुआ चढ़ाया जाता है। देवी पुराण के मुताबिक विद्यार्थियों को नवरात्रि के दौरान माता कुष्मांडा की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे भक्तों की बुद्धि का भी विकास होता है। माता कुष्मांडा की पूजा करने से सभी काम पूरे हो जाते हैं। जिन कामों में रुकावट पैदा होती है, वो भी आसानी से पूरे हो जाते हैं। देवी पुराण में बताया गया है कि विद्यार्थियों को नवरात्रि में माता कुष्मांडा की पूजा जरूर करनी चाहिए। क्योंकि मां दुर्गा उनकी बुद्धि का विकास करने में मदद करती है।

मां कुष्‍मांडा पूजा मंत्र

- बीज मंत्र: कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:

- ध्यान मंत्र: वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥

- पूजा मंत्र: ॐ कुष्माण्डायै नम:

मां कुष्‍मांडा पूजा विधि

नवरात्रि के चौथे दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान व ध्यान से निवृत होकर पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें और पूरे परिवार के साथ माता की पूजा अर्चना करें। माता की पूजा में पीले वस्त्र, फल, फूल, मिठाई, धूप-दीप आदि नैवेद्य अर्पित करें। बीच बीच में पूरे परिवार के साथ माता के जयकारे भी लगाते रहें। इसके बाद पूरे परिवार के साथ कपूर और घी के दीपक से माता की आरती करें। फिर अंत में माता से क्षमा याचना करके दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख और समृद्धि जमकर आती है।

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.