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एनआईए ने खालिस्तानी आतंकवादी और सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. एनआईए ने शनिवार को प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की चंडीगढ़ और अमृतसर में अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थक पन्नू के चंडीगढ़ स्थित आवास के बाहर और अमृतसर में एक कृषि भूमि के पास 'संपत्ति जब्ती नोटिस' लगाया गया है. यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है.
पन्नू की संपत्ति कुर्क
बताया जा रहा है कि जब्त की गई संपत्तियों में अमृतसर जिले के बाहरी इलाके में गुरपतवंत सिंह पन्नू के पैतृक गांव खानकोट में 46 कनाल कृषि संपत्ति शामिल है. एनआईए द्वारा जब्त की गई एक और संपत्ति चंडीगढ़ के सेक्टर 15-सी में उनका मकान नंबर 2033 है. कुर्की के बाद पन्नू ने अपनी संपत्ति का अधिकार खो दिया और संपत्ति अब सरकार की है। 2020 में भी पन्नू की संपत्ति कुर्क की गई थी.
स्पेशल के आदेश पर गिरफ्तार
चंडीगढ़ में लगाए गए नोटिस में कहा गया है, ''मकान नंबर 2033, सेक्टर 15-सी, चंडीगढ़ का एक-चौथाई हिस्सा गुरपतवंत सिंह पन्नू का है, जो एनआईए मामले में घोषित अपराधी है, जिसे स्पेशल के आदेश पर गिरफ्तार किया गया है.'' एनआईए कोर्ट, मोहाली।" लेकिन इसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 की धारा 33 (5) के तहत जब्त कर लिया गया है. यह जानकारी आम जनता के लिए है.
आतंक फैलाने में प्रमुख भूमिका
पन्नू 2019 से एनआईए के रडार पर है, जब आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने उसके खिलाफ पहला मामला दर्ज किया था. अपनी धमकियों और डराने-धमकाने की रणनीति के माध्यम से, पन्नू आतंकवादी कृत्यों और गतिविधियों को बढ़ावा देने और उन्हें अंजाम देने के साथ-साथ पंजाब और देश के अन्य स्थानों में भय और आतंक फैलाने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है.




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