2018 की इस घटना के चलते खत्म हुई निकिता की जिंदगी, जानिए कहां हुई सबसे बड़ी गलती

बल्लभगढ़ में निकिता तोमर मर्डर केस ने सभी को बुरी तरह से हिलाकर रख दिया है। जानिए कैसे एक 2018 में हुई एक घटना के चलते अब निकिता ने गवाई अपनी जान।

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लड़कियां को भले ही उनके पिता प्यार से गुड़ियां कहकर बुलाते हैं पर इसका मतलब ये नहीं होता है कि जिसका जैसा मन चाहे वो वैसे ही उसके साथ बर्ताव करें। कई बार ऐसी घटनाएं घटी है जिसमें हर बार एक लड़की, बहन, मां न जाने एक स्त्री के कितने रुपों का अपमान हुआ है। इस बार बल्लभगढ़ में जो घटना घटी उससे तो एक चीज साफ हो गई कि इंसानियत और कानून का खौफ तो अब किसी में रहा ही नहीं है। आज हम इस घटना के हर पहलू के बारे में यहां जानेंगे। उन चीजों का भी खुलास करेंगे जोकि बहुत कम लोगों को पता है। दरअसल इस घटना के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ-साथ इस केस से जुड़ी कई बड़ी अपडेट हम आपको यहां बताने जा रहे हैं। कुछ ऐसी गलतियां के बारे में भी बताने जा रहे हैं जोकि निकिता तोमर के साथ यदि नहीं हुई होती तो आज वो हम सबके बीच जिंदा होती। 

निकिता के साथ जो ये अपराध की घटना घटी है उसकी आग साल 2018 को सबसे पहले भड़कती हुई नजर आई थी। दरअसल निकिता के हत्या के आरोपियों में से एक तौसीफ से रिमांड पर पूछताछ की गई तो उसने कई राज खोले। पुलिस सूत्रों की माने तो तौसीफ ने खुद ये बताया है कि साल 2018 में उसने निकिता का किडनैप शादी करने के इरादे से किया था।

अपमान की आग में जल रहा था तौसीफ

 तौसीफ स्कूल के वक्त से निकिता को पसंद किया करता था और उससे शादी करना चाहता था। इसी के चलते वो निकिता को किडनैप करके मथुरा लेकर चला गया था लेकिन बीच में ही पुलिस ने उसे धर दबोचा और बाद में उसके परिवार के साथ-साथ पूरे समाज में काफी बदनामी हुई थी। साथ ही आरोपी और उसके पूरे परिवार को निकिता के परिवार से माफी तक मांगनी पड़ी। ये बात तौसीफ भूला नहीं पा रहा था। इसके बाद भी तौसीफ की यहीं प्लानिंग थी कि किडनैप करके निकिता संग शादी करना। यही वजह है कि सोमवार के दिन उसने निकिता के साथ अग्रवाल कॉलेज के गेट पर जबरदस्त करते हुए कार में डालने की कोशिश की और जब निकिता ने इसका विरोध किया तो उसने गोली चला दी, जिससे निकिता की जान चली गई।

नाम छिपाकर की थी निकिता से दोस्ती

वही, निकिता की सहेली भी कई सारे राज खोलती हुई नजर आई है। उन बातों तक का खुलासा किया जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी। दरअसल आरोपी तौसीफ ने अंकित बताकर निकिता से दोस्ती की थी ताकि दोस्ती की जो शुरुआत हो रही है उसमें धर्म बीच में न आए। लेकिन इस राज से पर्दा तब उठा जब तौसीफ को उसके ही एक दोस्त ने स्कूल में उसके असली नाम से बुलाया। वह स्कूल में निकिता से सीनियर था और हमेशा इसी ताक में रहता था कि निकिता संग उसकी कैसे भी करके दोस्ती हो जाए।

क्या है आरोपी के परिजनों का कहना

अपने भतीजे तौसीफ द्वारा उठाए गए इस गंभीर कदम को लेकर उसके चाचा और सोहन विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव तक लड़ चुके जावेद अहमद ने अपनी बात रखी। उन्होंने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि इस मामले में धर्म परिवर्तन कराने जैसा कोई केस ही नहीं है। जो भी असली गुनहागार है उसे कानून के मुताबिक कड़ी सजा जरूर मिलनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी गलत काम करने वाला किसी का भी बेटा नहीं हो सकता है वो केवल एक अपराधी हो होता है।

क्या यहीं गलती कर बैठे थे निकिता के परिजन

जैसा की हमने आपको बताया था कि 2018 में ही निकिता को सबसे पहले किडनैप करने की कोशिश की गई थी। लेकिन लड़की से जुड़ी हुई सारी बात थी और उसकी बदनामी न हो इसके चलते निकिता के परिवार वालों ने ये बात आगे नहीं बढ़ाई और यहीं सबसे बड़ी गलती उन्होंने कर दी। वक्त रहते ही सख्त कदम उठा लेते तो आज वो जिंदा होती। हर माता-पिता समाज के डर  से कोई सख्त कदम नहीं उठा पाते और परिणाम निकलता है भयंकर। आरोपी के परिवार वाले भी इसके बाद निकिता के घर पहुंचे और फिर एक पंचायत में सबके सामने माफी मांगी और ये तय हुआ था कि आगे फिर इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दिया जाएगा।

राजनीति दबाव में खत्म हुई इंसाफ की आग

वहीं, मृतक के पिता मूलचंद तोमर का ये बड़ा आरोप है कि आरोपी पूर्व मंत्री आफताब अहमद का चेचरा भाई लगता है। यहीं वजह है कि उन्होंने पिछली बार वारदात को दबाने का काम किया था। उन्हें इस बात का अभी भी डर है कि राजनीतिक दबाव की वजह से ये केस अभी भी दबा जाएगा। इसीलिए उन्हें लिखित में आश्वसन चाहिए और वो अपने परिवार वालों की सुरक्षा भी चहते हैं।

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