कृषि कानूनों के एक साल, आम आदमी पार्टी का कैंडल मार्च

केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के एक साल पूरे हो गए है.

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केंद्र में  बैठी बीजेपी सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के एक साल पूरे हो गए है. लेकिन किसान अभी तक डरनइ पर बैठा है. इन्हीं कृषि कानूनों के लेकर पंजाब से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन दिल्ली और देश के दूसरे राज्यों तक फैल गया है. किसान आंदोलन के चलते पंजाब और यूपी की सियासी तपिश भी बढ़ती जा रही है. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' तो आम आदमी पार्टी पंजाब भर में कैंडल मार्च निकाल रही है. 


कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन और धरना प्रदर्शन सबसे ज्यादा पंजाब-हरियाणा और पश्चिम यूपी में देखने को मिल रहा है. अगले साल शुरू में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने है, जिसे देखते हुए राजनीतिक दल किसानों को अपने-अपने खेमे में जोड़ने की कवायद में है. यही वजह है कि शिरोमणि अकाली दल ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' निकाला है.


AAP का कैंडल मार्च 

पंजाब में नंबर दो से उठकर नंबर वन बनने के लिए आम आदमी पार्टी किसानों का दिल जीतने की हरसंभव कोशिश में कर रही है. कृषि कानूनों को लेकर शुरू से आम आदमी पार्टी सख्त तेवर अख्तियार कर रखा है. कृषि कानून के एक साल पूरे होने पर आम आदमी पार्टी शुक्रवार को पंजाब भर में कैंडल मार्च निकालकर आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को श्रद्धांजलि भेंट करेगी

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