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भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हवा में सटीक मिसाइल स्ट्राइक करने के तुरंत बाद बुधवार को उत्तरी और पश्चिमी भारत के हवाई मार्गों में व्यापक व्यवधान आ गया। एयरस्पेस को एहतियातन बंद किए जाने के कारण कम से कम 18 एयरपोर्ट्स पर परिचालन ठप रहा और लगभग 200 से अधिक उड़ानों को रद्द करना पड़ा।
प्रमुख एयरलाइन्स की कार्रवाई
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इंडिगो: कंपनी ने 10 मई को सुबह 5:29 बजे तक अमृतसर, बीकानेर, चंडीगढ़, धर्मशाला, ग्वालियर, जम्मू, जोधपुर, किशनगढ़, लेह, राजकोट और श्रीनगर से संचालित 165 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया। प्रभावित Passengers को या तो फ्लाइट रीशेड्यूल करने या पूर्ण रिफंड प्राप्त करने का विकल्प दिया गया।
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एयर इंडिया: एयर अथॉरिटीज़ के निर्देश पर जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ एवं राजकोट के रूट्स पर उड़ानों को बंद किया। यात्रा शुल्क पर एक बार का रीबुकिंग शुल्क माफ और फुल रिफंड की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
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स्पाइसजेट, अकासा एयर, एयर इंडिया एक्सप्रेस, स्टार एयर: इन सभी एयरलाइन्स ने धर्मशाला, लेह, जम्मू, श्रीनगर और अमृतसर सहित नॉर्थ इंडिया के हवाईअड्डों को ‘अगले आदेश तक’ बंद कर दिया। यात्रियों को वैकल्पिक फ़्लाइट्स या रिफंड का विकल्प बताया गया।
विदेशी एयरलाइन्स पर भी असर
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 35 से अधिक उड़ानें रद्द रहीं, जिनमें अमेरिकन एयरलाइंस, यूएई की फ्लाइट्स और यूरोप की कई प्रमुख एयरलाइन्स शामिल थीं। कतर एयरवेज ने पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने के कारण पाकिस्तान के लिए अपनी उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया।
यात्री परेशान, हवाई अड्डों पर लंबी कतारें
श्रीनगर एयरपोर्ट पर सुबह-सुबह लगे यात्रियों की कतारें लगने लगीं, जिन्हें सूचना हाल ही में मिली। कई यात्री सोशल मीडिया पर शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें रद्दीकरण के बाद भी रिफंड या रीबुकिंग संबंधी पुष्टिकरण नहीं मिला। एयरपोर्ट प्राधिकरण ने बताया कि अतिरिक्त काउंटर खोले जा रहे हैं और “फ्लाइट अल्टरनेशन डेस्क” को चौबीसों घंटे सक्रिय रखा गया है।
सरकार और विमानन मंत्रालय की प्रतिक्रिया
विमानन मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा:
“सुरक्षा की दृष्टि से एयरस्पेस बंद करना अनिवार्य था। सभी एयरलाइन्स को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित यात्रियों को तत्काल सहूलियतें प्रदान की जाएँ और जल्द से जल्द परिचालन को बहाल करने का प्रयास किया जाए।”
यात्रा मंत्रालय ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति चेक करने के लिए एयरलाइन्स की वेबसाइट या मोबाइल ऐप का नियमित उपयोग करें और यदि रिफंड या रीबुकिंग प्रक्रिया में देरी हो तो हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर असर
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पर्यटन व्यवसाय ठहराव: लेह-लद्दाख और कश्मीर में मौसमी पर्यटन करीब एक सप्ताह तक प्रभावित रहेगा। होटल्स और टैक्सी ऑपरेटरों ने लगभग 40–50% बुकिंग रद्द होने की सूचना दी।
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कार्यालयीन परिचालन: जम्मू, चंडीगढ़ और जयपुर जैसे वाणिज्यिक केंद्रों में बिज़नेस ट्रैवलर्स की कमी से कॉर्पोरेट मीटिंग्स पोस्टपोन या वर्चुअल हो रही हैं।
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आयात-निर्यात: अमृतसर व दिल्ली के माध्यम से होने वाले कूरियर और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भी माल ढुलाई में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
अगला कदम
विमानन मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच समन्वित बैठकें जारी हैं, ताकि रणनीतिक स्तर पर एयरस्पेस को सुरक्षित तरीके से चरणबद्ध रूप से खोला जा सके। सूत्रों का कहना है कि 48 से 72 घंटे के भीतर सीमावर्ती एयरपोर्ट्स की सुरक्षा समीक्षा पूरी होने के बाद परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकी साजिशों को पूरी तरह विफल किया, लेकिन इसकी छाप उत्तरी-पश्चिमी हवाई मार्गों पर भी गहरी पड़ी। यात्रियों के लिए कठिनाइयों के बावजूद, सरकार और एयरलाइन्स मिलकर राहत एवं पुन:स्थापना के प्रयास में जुटी हैं, ताकि जल्द से जल्द सामान्य परिचालन बहाल हो सके।




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