इंटरनेशनल कोर्ट के सामने झुके पाकिस्तान,अपील के बाद भारत लौटेगा कुलभूषण जाधव

इस विधेयक में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय के अनुसार मृत्युदंड की समीक्षा और पुनर्विचार करने के लिए अधिक अधिकार दिए गए हैं

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पाकिस्तान में मृत्युदंड‌ की सजा काट रहे भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को बड़ी राहत मिली है. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के दबाव के आगे झुकते हुए, पाकिस्तान की संसद के निचले सदन, नेशनल असेंबली ने कुलभूषण जाधव को उच्च न्यायालयों में अपील करने की अनुमति देने वाले विधेयक को अपनी स्वीकृति दे दी है। सैन्य अदालत से मौत की सजा का सामना कर रहे कुलभूषण जाधव को अपील करने का कोई अधिकार नहीं था। जिसके चलते इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तान को फटकार लगाई थी.


इस विधेयक में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय के अनुसार मृत्युदंड की समीक्षा और पुनर्विचार करने के लिए अधिक अधिकार दिए गए हैं। जानकारों का कहना है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान के हाई कोर्ट में अपील करने पर भारत वापस भेजे जाने की संभावना हो सकती है. पाकिस्तान दावा करती है कि कुलभूषण जाधव को 2016 में बलूचिस्तान से पकड़ा गया था और जिसके बाद उसी साल एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। इसी पर भारत ने पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि कुलभूषण जाधव को ईरान के चाबहार पोर्ट से अगवा किया गया था।

21 सदस्यीय स्थायी समिति के गठन की स्वीकृति

भारत ने कहा कि कुलभूषण जाधव ईरान में अपना कारोबार चला रहे हैं। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने साल 2018 में कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने गुरुवार को 21 सदस्यीय स्थायी समिति के गठन को मंजूरी दे दी। इसका नाम इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस एक्ट रखा गया है। एक बार यह कानून बन जाए तो उसके बाद यह पूरे पाकिस्तान पर लागू हो जाएगा . इससे पहले पाकिस्तान सरकार भी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले के मुताबिक एक अध्यादेश ला चुकी है।


इससे पहले पाकिस्तान सरकार लगातार भारत से वकील नियुक्त करने की अपील कर रही है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) ने मामले की सुनवाई करते हुए विदेश कार्यालय से कहा था कि वह एक वकील नियुक्त करने के लिए भारत से संपर्क करे और इस मामले में इस अदालत द्वारा मुकदमे के अधिकार क्षेत्र पर भारत की गलतफहमी को दूर करे। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने इस मामले में कहा था, 'हमने एक बार फिर भारत से कुलभूषण जाधव मामले में एक वकील नियुक्त करके पाकिस्तान की अदालत के साथ सहयोग करने का आह्वान किया है ताकि मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश को पूरी तरह लागू किया जा सके. और प्रभावी बनाया जाए।

'जाधव को फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए पाकिस्तान को मंच देना चाहिए'

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी 50 वर्ष के जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। इसके बाद, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट की तरफ अपना रुख किया और पाकिस्तान द्वारा कांसुलर एक्सेस से इनकार और मौत की सजा को चुनौती दी। जुलाई 2019 में हेग में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने कहा कि पाकिस्तान को जाधव की सजा पर "पुनर्विचार" करना चाहिए और बिना किसी देरी के भारत को कांसुलर एक्सेस प्रदान करना चाहिए। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए एक उचित मंच प्रदान करना चाहिए।

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